आगरा। बगदाद से लेकर दिल्ली वाया आगरा…..। नहीं यहां पर किसी रुट की बात नहीं हो रही है। यहां पर बात हो रही है सिर्फ ताज नगरी आगरा की। आगरा का नाम लेते ही जो तस्वीर उभरती है वो है ताजमहल की, लेकिन आगरा में सिर्फ ताज ही नहीं और भी बहुत कुछ है।
ताज महल-
सबसे पहले जिक्र होगा तो ताज महल का होगा।यह मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। पूरे श्वेत संगमर्मर में तराशा हुआ, यह भारत की ही नहीं विश्व की भी बेहतरीन कृति है। स्मारक के बनने में बाईस वर्ष लगे (1630-1652), व बीस हजार कारीगरों की अथक मेहनत भी। यह मुगल शैली के चार बाग के साथ स्थित है। इस ताज महल को बनाने में लगी कारिगरों की मेहनत इसकी खूबसूरती को देखकर ही समझी जा सकती है।
आगरा का किला-
आगरा का एक अन्य विश्व धरोहर स्थल है आगरा का किला। यह आगरा का एक प्रधान निर्माण है, जो शहर के बीचों बीच है। इसे कभी कभार लाल किला भी कहा जाता है। यहां संगमर्मर और पीट्रा ड्यूरा नक्काशी का क्महीन कार्य किया गया है। इस किले की मुख्य इमारतों में मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जहाँगीर महल, खास महल, शीश महल एवं मुसम्मन बुर्ज आते हैं।
एतमादुद्दौला का मकबरा
सम्राज्ञी नूरजहां ने एतमादुद्दौला का मकबरा बनवाया था। यह उसके पिता घियास-उद-दीन बेग़, जो जहाँगीर के दरबार में मंत्री भी थे, की याद में बनवाया गया था। मुगल काल के अन्य मकबरों से अपेक्षाकृत छोटा होने से, इसे कई बार श्रंगारदान भी कहा जाता है। यहां के बाग, पीट्रा ड्यूरा पच्चीकारी, व कई घटक ताजमहल से मिलते हुए हैं।