September 8, 2024 6:09 am
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अगर आपके पास है ये डाक टिकट, तो बन सकते हैं करोड़पति…

Mahatma Gandhi अगर आपके पास है ये डाक टिकट, तो बन सकते हैं करोड़पति...

नई दिल्ली। भारत की आजादी के बाद भारत सरकार द्व्रारा साल 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद जारी की गई 10 रुपये की डाक टिकट जिसके भी पास है उसके पास करोड़पति बनने का एक मौका है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि ये डाक टिकट साल 1948 में जारी की गई टिकट ही होनी चाहिए और इस पर सर्विस प्रिंट होना चाहिए। बता दें कि भारत की आजादी के बाद, तब के भारत के गवर्नल जनरल ने ये डाक टिकट जारी की थी, जोकि दुनिया में अब तक की सबसे कम छपी हुई डाक टिकट है। अंतिम बार इस डाक टिकट को जिनेवा में हुई नीलामी में डेविड फेल्डमैन ने एक करोड़ 30 लाख रुपये में बेचा था।

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वहीं अब अगर किसी के पास गवर्नर जनरल द्वारा ‘कैंसिल’ की गई वास्तविक डाक टिकट हो तो उसकी कीमत करोड़ों रुपये में है। इस दुलर्भ डाक टिकट के पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है। आजादी से पूर्व भारत में ब्रिटिश शासन का डाक टिकट चलता था। जब देश आजाद हुआ तो भारत सरकार की ओर से अपना पहला डाक टिकट जारी किया गया था। इस दौरान अंग्रेज हुकुमत को अपने दफ्तर बंद करते समय डाक टिकट की जरूरत पड़ी तो उस समय भारत सरकार को कहकर अंग्रेजो ने ऐसी 200 डाक टिकट छपवाई, जिसमें से 100 वो अपने साथ ले गए और बाकि 100 भारत के पास ही इस्तेमाल के रूप में रह गई।

भारत में बची इन सौ डाक टिकटों को भारत सरकार ने प्रमुख लोगों और सरकार को तोहफे के रूप में दे दिया, जिनमें से कुछ आज भी राष्ट्रीय अभिलेखागार संग्रालय में उपलब्ध है। इन टिकटों में केवल 10 टिकटे ही थी, जोकि आम लोगों तक पहुंच सकी। इसी के कारण भारत की ये पहली डाक टिकट बेशकीमती हो गई।  इस दुर्लभ डाक टिकट की मांग का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अगर कोई ऑनलाइन इसे खरीदने के लिए इंक्वायरी डाले तो दर्जनों ऐसे फर्जी डाक टिकट सामने आ जाते हैं। इन पर ‘सर्विस’ अंकित रहता है, लेकिन यह वास्तविक नहीं है।

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