आतंकी फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) की तरफ से एक बड़ा खुलासा किया गया है। हुर्रियत नेताओं के घर से जब्त किए गए लेटरहेड से एनआईए ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि हुर्रियत नेताओं द्वारा ही आतंकियों को पैसा मुहैया कराया जाता था। खुलासा किया गया है कि आतंकियों को मदद दोनों ही तरफ से दी जाती थी। आतंकी हुर्रियत नेताओं से पैसे लेते थे। एनआईए ने जो दस्तावेज जब्त किए हैं। उनसे यह खुलासा हुआ है कि अलगाववादियों को हिजबुल मुजाहिद्दीन फंड दिया करता था।
सूत्रों के अनुसार जानकारी है कि मोहम्मद अमीन भट्ट द्वारा लिखे पत्र में सैयद अली शाह गिलानी के खास अयान अकबर खांडे से 5 लाख रुपए की मांग की गई है। लेटरहेड पर लिखी हुई चिट्ठी में लिखा गया है कि नोटबंदी के कारण उनपर आर्थिक संकट मंडरा रहा है जिससे निपटने के लिए उन्हें पांच लाख रुपए की जरूरत है। साथ ही पत्र के अंत में चार दिनों के अंदर पैसा नहीं भेजने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई है। एनआईए ने हुर्रियत के कई सदस्यों को इस वक्त गिरफ्तार किया हुआ है।
एनआईए ने जिन्हें गिरफ्तार किया है उनपर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन से आर्थिक मदद मिलने का आरोप लगा हुआ है। इनपर घाटी में तनाव फैलाने का भी आरोप लगा हुआ है। अलगाववादियों को रुपयों के लिए धमकी भी मिला करती थी। लश्कर और हिजबुल के स्थानीय कमांडर अलगाववादियों से अपनी और अपने साथियों की मदद के लिए पैसों की मांग करते थे। आतंकी अलगाववादियों से रुपयों के साथ साथ मोबाइल फोन की मांग भी किया करते थे। एनआईए ने जिन अलगाववादियों को गिरफ्तार किया है उनमें सैयद अली शाह गिलानी के खास अयान अकबर खांडे भी शामिल हैं।