शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला ऐतिहासिक गोथिक वस्तू कला भवनों के लिए विख्यात है। ये भवन अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला के कई इतिहास समेटे हुए है, हालांकि अब इन भवनों की हालत खस्ता हो चुकी है। इन्ही भवनों में से एक है शिमला का प्रसिद्ध टाउन हॉल, जिसका जीर्णेद्धार आज कळ युद्ध के स्तर पर चल रहा है। इस भवन में फिलहाल शिमला नगर निगम का कार्यकाल चल रहा है, लेकिन भवन के जीर्णेद्धार से पहले ही हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम को एक झटका देते हुए आदेश दिया है कि इस भवन को एक पुस्तकालय के रूप में बदल दिया जाए।
कोर्ट का इस आदेश के पीछे कहना है कि अंग्रेजों ने इस भवन का निर्माण एक पुस्तकालय के रूप में ही किया था। बता दें कि 109 साल पुराने इस भवन का निर्माण 1908 में किया गया था और इसका डिजाइन स्कॉटलैंड के आर्किटेक्ट जेम्स रेंजैम द्वारा बनाया गया था, लेकिन रखरखाव न होने और शिमला नगर निगम की अनदेखी के चलते यह भवन जर्जर हो गया है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस भवन के दिन फिरने वाले हैं।
आदेश के दौरान हाईकोर्ट ने शिमला के प्रसिद्ध गेयटी थिएटर का उदाहरण देते हुए कहा है कि जीर्णोद्धार के बाद थिएटर में पर्यटकों की रुचि बढ़ी है और राज्य सरकार की आमदनी भी बढ़ी है। इसलिए क्यों न शिमला के टाउन हॉल को एक पुस्तकालय में बदल दिया जाए, ताकि कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहे शिमला के प्रति लोगों की रुचि बनी रहे।