हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान गुरुवार को होने वाला है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने के लिए जंग लड़ रही है लेकिन बीजेपी भी यहां पर सत्ता में आने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रही है। बीजेपी अपने हथियार के तौर पर पीएम मोदी के सहारे सत्ता में आने की कोशिश कर रही है।
अगर पहले की बात कही जाए तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां सत्ता में रह चुकी हैं। हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीट हैं। पिछली बार के आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो बीजेपी के पास 26 तो कांग्रेस के पास 36 तथा अन्य को 6 सीटें हासिल हुई थी। पिछली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बढ़त बनाकर सत्ता हासिल की थी। साल 2012 में कांग्रेस को 43 और बीजेपी को 39 फीसदी वोट मिले थे। साल 2007 में कांग्रेस ने 5 फिसदी बढ़त बनाई थी जबकि 5 फीसदी बीजेपी नीचे गिर गई थी।
साल 2012 में सत्ता में शामिल होने के बाद सीएम की गद्दी पर वीरभद्र सिंह वीराजमान हुए थे। लेकिन सत्ता में आने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ती ही चली गई थी। तथा लगातार भ्रष्टाचार के आरोप सीएम वीरभद्र सिंह पर गलते ही चले गए। जहां इन दिनों कांग्रेस में खलबली का माहौल बना हुआ है तो इस सूचि में हिमाचल कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। यहां पर भी कांग्रेस में फूट की खबरों ने कई बार मीडिया में अपनी जगह बनाई थी। खबरों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष खुविंदर सिंह सुक्खू और सीएम के बीच खासा मतभेद था। जिसको लेकर हिमाचल में 21 विधायकों की तरफ से सीएम के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से मना से मना कर दिया था।