हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है, इसके साथ यहां पर चुनावी तापमान भी काफी बढ़ गया है। जहां एक तरफ कांग्रेस चुनाव जीतना चाहती है तो बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में आने की कोशिश में लगी हुई है। लेकिन कांग्रेस में इन दिनों सियासी खींचताच मची हुई है। ऐसे में सीएम वीरभद्र सिंह और पार्टी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की एक दूसरे से नाराजगी सुर्खियों में बनी हुई है।
कांग्रेस की तरफ से सीएम को राज्य पार्टी प्रचार समिति प्रमुख बनाया है। यह जिम्मेदारी सीएम को सुखविंदर सिंह सुक्खू को पद से हटाकर दी गई है। देखने वाली बात है कि तीन दिन पहले ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुक्खू को समिति अध्यक्ष और सीएम को इसका सदस्य बनाया था लेकिन अब सीएम कांग्रेस उम्मीदवारों का चयन करने वाले हैं। इससे साफ हो गया है कि सीएम वीरभद्र सिंह पार्टी आलाकमान पर अपना दबाव बनाने में सफल रहे हैं। इस बार जहां सीएम और पार्टी अध्यक्ष के बीच में जंग जारी है तो इससे पहले भी हालात ऐसे ही थे।
साल 2012 विधानसभा चुनाव के वक्त वीरभद्र सिंह और प्रदेश अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर के बीच तीखी जंग की खबरें सुर्खियों में थी। इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस में अभी भी हालात वैसे ही बने हुए हैं जैसे पिछली बार के चुनाव में थे। पिछली बार कौल सिंह ठाकुर और वीरभद्र सिंह के बीच मुख्यमंत्री चेहरा बनने की जंग जारी थी। जिसके बाद वीरभद्र सिंह के बगी सुर दिखाई देने लग गए थे। स्थिति को ज्यादा बिगड़ते देख पार्टी आलाकमान की तरफ से कौल को शांत करा दिया गया था।