हरदोई। देशभर में जीएसटी कानून का व्यापारियों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा और आज भारत बंद होने के बावजूद इसकी उपलब्धियां गिनवाने आये हरदोई जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश सरकार में सैनिक कल्याण तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री राज्य मंत्री अनिल राजभर उस समय असहज महसूस करने लगे जब जीएसटी की उपलब्धियों का बखान कर रहे मंत्री जी से जब किसी पत्रकार जीएसटी की फुल फॉर्म पूछ ली। अचानक किये गए अप्रत्याशित सवाल पर मंत्री जी की स्थिति काफी हास्यास्पद हो गयी और वे बगलें झांकने लगे। पहले तो मंत्री जी ने जीएसटी की फुल फॉर्म हिंदी में बताकर अपना पीछा छुड़ाना चाहा और सवाल का जवाब न देकर उसे गोल-गोल घुमाते रहे, साथ ही इसके फायदे गिनवाते रहे।
मंत्री जी ने यह कहकर भी बचने का प्रयास किया कि हम लोग हिंदुस्तान में रहते हैं और इसकी फुल फार्म मुझे हिंदी में ही बतानी चाहिए लेकिन पत्रकारों के बहुत कुरेदने पर जब वे जीएसटी की फुल फॉर्म अंग्रेजी में नहीं बता सके तो वहां खड़े किसी कार्यकर्ता ने उनको जीएसटी की फुल फॉर्म बता दी, तब उन्होंने GST की फुल फॉर्म बताई की गुड्स एंड सर्विस टैक्स। उसके बाद में मुश्किल तमाम मंत्रीयों जी की जान में जान आई। सवाल ये नहीं है की मंत्री जी को जीएसटी का फुल फॉर्म नहीं पता था। सवाल ये है की जब मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को जीएसटी से जुड़े अफवाहों को दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी है, वैसे में जब मंत्री ही जीएसटी के बारे में बेसिक जानकारी नहीं रख रहे हैं तो लोगों को क्या समझा पाएंगे।
गौरतलब है की योगी सरकार ने जीएसटी को लेकर तमाम तरह के भ्रम और अफवाहों को दूर करने के लिए रणनीति बनाई है. इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे लोगों से जनसंपर्क, गोष्ठी, संवाद और मीडिया के माध्यम से जीएसटी को लेकर भ्रम दूर करें।