सिरसा। सिरसा में जहां एक तरफ राम रहीम के डेरा का कोना-कोना छान कर पुलिस गहरे राज निकाल रही है वहीं राम रहीम को लेकर नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं। राम रहीम के डेरा के सर्च ऑपरेशन की वीडियोग्राफी भी की जा रही है। इसी बीच डेरा सच्चा सौदा को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। खुलासा दिल दहला देने वाला है। डेरे ने लखनऊ मेडिकल कॉलेज को 14 डेड बॉडी यानी लाशें भेजी थी। जिनको लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये डेड बॉडी किन लोगों की थी। हालांकि अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है। डेरा ने ये डेड लखनऊ मेडिकल कॉलेज को बिना डेथ सर्टिफिकेट और जरूरी दस्तावेज के भेजे थी।
बता दें कि इस बात से हरियाणा के स्वास्थय मंत्री कन्नू काट रहे हैं। क्योंकि राम रहीम का वजूद खत्म होगा या बचेगा इसका पूरा का पूरा दारोमदार अब खट्टर सरकार पर टिका है। इतना ही नहीं रहाम रहीम को लेकर लोग अभी भी अपनी जुबान खोलने को तैयार नहीं हैं। अंधे भक्तों की तरह खट्टर के मंत्री भी राम रहीम की भक्ति से मुक्ति पाने में विफल दिख रहे हैं। ऐसे ही लोगों की वजह से राम रहीम जैसे लोग सीना चौड़ा करके जीते हैं। जब तक नेताओं की बिरदरी वोटों के लिए राम रहीम की माला जपती रहेगी तब तक राम रहीम का वजूद जिंदा रहेगा।
वहीं जिस तरह से राम रहीम को राजनीति सपोर्ट मिल रहा है उसे देखते हुए तो अनिल बिज जैसे नेताओं को डेरा सच्चा सौदा की विधिवत दीक्षा ले लेनी चाहिए और कानून के संरक्षक होने का ढोंग बंद कर देना चाहिए। साथ खट्टर सरकार को इस बात का भी जवाब देना चाहिे कि सर्च ऑपरेशन की औपचारिकता पूरा करने में 15 दिन क्यों लगे। बता दें कि उंगलियां बीजेपी के अंदर से भी उठ रही हैं। जेल जाकर भी राम रहीम हरियाणा की सियासत में जिंदा है। डेरा फैक्टर को आज भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, इसलिए डेरा को पहले भी राजनीतिक पार्टियों का संरक्षण मिलता रहा और आज भी अनिल विज जैसे नेता का सिर डेरा के सम्मान में झुकने लगता है।