नई दिल्ली। देश में जाट आंदोलन का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जाट आरक्षण पाने के लिए दिल्ली में लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान के गुर्जर समुदाय के लोगों ने आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
राजस्थान में विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) के तहत आरक्षण के लिए गुर्जरों द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर तीन मार्च को सुनवाई करेगा।
याचिका में कहा गया है कि आरक्षण के पूर्व प्रावधान के तहत नियुक्तियों में गुर्जर समाज के अभ्यर्थियों को छूट दी जाए। राजस्थान हाईकोर्ट ने गुर्जरों को आरक्षण दिये जाने के कानून को रद्द कर दिया था। राजस्थान सरकार ने 2015 में गुर्जरों समेत पांच जातियों को एसबीसी कैटेगरी में पांच फीसदी आरक्षण देने का कानून बनाया था। 2015 के पहले 2009 में भी हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार के 2008 के एसबीसी को पांच फीसदी आरक्षण देने के कानून को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि आरक्षण पचास फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती और इस प्रावधान के बाद आरक्षण का हिस्सा 54 फीसदी हो जाता है।