नई दिल्ली। सरकार ने कारोबारियों को राहत दी है। सरकार ने जीएसटी रिर्टन दाखिल करने में देरी पर लगने वाले शुल्क को माफ कर दिया है। अब उनको देरी होने पर जीएसटी पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इस बारे में वित्त मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक जुलाई के लिए पहला जीएसटी रिर्टन दाखिल कर कारोबारियों को टैक्स का भुगतान 25 अगस्त तक करना था। जुलाई के लिए बिक्री कारोबार का अंतिम रिटर्न 5 सितंबर तक तथा खरीद का रिटर्न 10 सितंबर तक फाइल करना है। मंत्रालय ने कहा कि जुलाई का रिटर्न (जीएसटीआर 3बी) फाइल नहीं कर पाने वाले सभी करदाताओं के लिए विलंब शुल्क हटा लिया गया है, लेकिन बकाया के देरी से भुगतान पर लगने वाला ब्याज नहीं हटाया गया है। कारोबारी इकाइयों को प्रारंभिक फॉर्म की गलतियों को सुधारने का मौका देते हुए 5 सितंबर तक अंतिम रिटर्न दाखिल करने को कहा है।
वहीं जीएसटी अधिनियम के तहत टैक्स के देरी से भुगतान पर 18 प्रतिशत की दर से ब्याज लगाए जाने का प्रावधान है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने कहा कि अंतिम तारीख तक भुगतान नहीं किए जाने की स्थिति में 26 अगस्त के बाद से लेकर भुगतान करने के दिन तक के लिए संबंधित इकाई को बकाए पर ब्याज भरना होगा। लेकिन उससे कोई विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा। जीएसटी कानून के अनुसार, देरी से रिटर्न फाइल करने या देर से कर भुगतान करने पर केंद्रीय जीएसटी के तहत 100 रुपये प्रतिदिन का शुल्क लगता है। राज्य जीएसटी के तहत भी इसी तरह का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही सीबीईसी ने जीएसटीआर-3बी फॉर्म में दी गयी जानकारियों में सुधार करने का भी मौका दिया है। अब कारोबारी अंतिम रिटर्न दाखिल करते समय शुरू में भरी गई जीएसटीआर 3बी में यदि कोई सुधार करना चाहें तो वह जीएसटीआर-1 अथवा जीएसटीआर-2 में अंतिम रिटर्न दाखिल करते समय ऐसा कर सकते हैं।