गुवाहाटी। जीएसटी को लेकर विरोध जता रही कांग्रेस ने सरकार से जीएसटी में कुछ बदलाव करने की मांग की है। कांग्रेस शासित राज्यों ने रिएल एस्टेट,बिजली और पैट्रोलियम उत्पादकों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग केंद्र सरकार से की है। कांग्रेस शासित राज्यों का मानना है कि इन सभी उत्पादों के जीएसटी से बाहर रहने के चलते अर्थव्यवस्था को जीएसटी का पूरा फायदा नहीं मिल रहा है। इसके अलावा कांग्रेस शासित राज्यों ने जीएसटी अनुपालन को आसान बनाने के लिए नौ सूत्री सुझाव भी दिए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने ये मांग ऐसे समय में की है जब जीएसटी काउंसील शुक्रवार को अपनी 23वीं बैठक में कंपोजीशन स्कीम को आकर्षक बनाकर व्यपारियों के समक्ष पेश कर उन्हें राहत पहुंचाने वाले सुझावों पर चर्चा करेगी।
काउंसील की इस बैठक में अधिकतर वस्तूओं पर जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी में लाने पर विचार किया जाएगा। इसमें रिएल एस्टेट को भी जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। जीएसटी काउंसील की बैठक में शामिल होने के लिए गुवाहाटी पहुंचे कांग्रेस शासित पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायण स्वामी और कर्नाटक के कृषि मंत्री कृष्ण बयार गौडा ने प्रेस वार्ता में ये मांग उठाई। बादल ने कहा कि जीएसटी में व्यापक बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समग्र जीएसटी में ऊर्जा और रियल एस्टेट क्षेत्र भी शमिल होने चाहिए।
गौरतलब है कि बादल ने सात नवंबर को जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस संबंध में एक पत्र लिखा था। इसमें भी उन्होंने जीएसटी की मौजूदा दरों और नियमों में व्यापक बदलाव की मांग की थी। यह पहला मौका है जब कांग्रेस शासित राज्यों ने जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले दवाब बनाने की कोशिश की है। हालांकि इससे पूर्व गैर-भाजपा शासित राज्यों जैसे-पश्चिम बंगाल और केरल के वित्त मंत्री भी जीएसटी में सुधार के लिए जेटली को पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने काउंसिल की बैठकों में भी यह मुद्दा उठाया है।