देहरादून। सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और दूर-दराज के इलाकों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैया कराना सूबे के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहली प्राथमिकता में से एक है। बीते रविवार को सीएम के आवास पर पत्रकारों के बीच एक कार्यक्रम के दौरान सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को राज्य सरकार द्वारा बन्द नहीं किया गया है। योजना के अंतर्गत जिस कम्पनी के साथ अनुबंध किया गया था, निश्चित रूप से उस पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही इसमें यदि कोई अधिकारी संलिप्त होगा तो निश्चित रूप से उस पर भी कार्यवाही की जाएगी।
विपक्ष द्वारा लगातार इस बात को कहा जा रहा था कि सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की नेतृत्व वाली सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को बंद कर दिया है। लेकिन पत्रकारों के बीच मुख्यमंत्री ने अपनी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस योजना से आच्छादित मरीजों पर होने वाले चिकित्सकीय व्यय का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़े मरीजों का ईलाज किया जाए, इस बीच ईलाज में किया गया व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील और गम्भीर है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही अक्षम्य होगी। अपने लखनऊ दौरे की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गृहमंत्री भारत सरकार श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण योजना का लाभ निश्चित रूप से उत्तराखण्ड को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से हुई भेंटवार्ता सकारात्मक रही है।