जयपुर। राज्यपाल कल्याण सिंह ने महाराणा प्रताप जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।राज्यपाल सिंह ने कहा है कि महाराणा प्रताप स्वतंत्रता के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले पराक्रमी पुरूष थे। नई पीढ़ी को उनके गुणों को अनुशीलन करना चाहिए।
महाराणा प्रताप
राजस्थान के कुम्भलगढ़ में राणा प्रताप का जन्म सिसोदिया राजवंश के महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जीवत कँवर के घर 9 मई, 1540 ई. को हुआ था। रानी जीवत कँवर का नाम कहीं-कहीं जैवन्ताबाई भी उल्लेखित किया गया है। वे पाली के सोनगरा राजपूत अखैराज की पुत्री थीं। प्रताप का बचपन का नाम ‘कीका’ था। मेवाड़ के राणा उदयसिंह द्वितीय की 33 संतानें थीं। उनमें प्रताप सिंह सबसे बड़े थे। स्वाभिमान तथा धार्मिक आचरण उनकी विशेषता थी। प्रताप बचपन से ही ढीठ तथा बहादुर थे। बड़ा होने पर वे एक महापराक्रमी पुरुष बनेंगे, यह सभी जानते थे। सर्वसाधारण शिक्षा लेने से खेलकूद एवं हथियार बनाने की कला सीखने में उनकी रुचि अधिक थी।