बलरामपुर। यूपी के जनपद बलरामपुर में टेंडर को लेकर अधिकारियों का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। अधिकारियों ने ठेकेदार की मिली भगत से ई-टेंडर ना निकालकर टेंडर निकाला और टेंडर निकलने से पहले ही शहीद स्मारक के सौन्दर्यीकरण का काम भी शुरू कर दिया।
बलरामपुर के सदर नगर पालिका के टेंडर घोटाले का मामला है। नगर पालिका परिषद ई-टेंडरिंग करने के बजाय 29 अगस्त को जिले के एनआईसी की बेबसाइट पर 9 कामों की टेंडर अपलोड कराई गई थी। टेंडर के मुताबिक तो आने वाले 6 सितम्बर को पालिका कार्यालय से टेंडर की बिक्री होगी। टेंडर 7 सितम्बर को सीलबंद कर 3 बजे तक पालिका कार्यालय में जमा करना है और उसी दिन 3.30 बजे टेंडर को खोला भी जाना है। टेंडर पड़ने के लिए भले ही अभी एक सप्ताह का समय बाकी हो, लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों की मिली भगत से टेंडर में शामिल शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क के सौन्दर्यीकरण का काम अब अंतिम चरण में है। पार्क का सौन्दर्यीकरण 4 लाख 98 हजार रूपयों से कराया जाना है। समाजसेवी डा. राकेश चंद्र श्रीवास्तव ने पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की है।
समाजसेवी डा. राकेश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि पूरे मामले को लेकर जब नगर पालिका के ईओ राकेश जायसवाल से मिलने की कोशिश की गई तो वो कन्नी काटते नजर आये। जब फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नही उठा। शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क के सौन्दर्यीकरण में घोटाले को लेकर जब जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र से बात की गई तो उन्होंने भी गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि पार्क निर्माण का काम नगर पालिका ही कराएगी और इसमें कोई ठेकेदारी का काम नही है।
इसी मामले में बलरामपुर जिलाधिकारी, राकेश कुमार मिश्र का कहना है कि जहां एक ओर टेंडर होने के बाद भी सालों तक काम नहीं होते, तो वहीं योगी राज में अधिकारियों की मिलीभगत से टेंडर निकलने से पहले ही गुपचुप तरीके से काम पूरा हो गया। मामले का खुलासा होने के बाद अब देखने वाली बात है, कि कार्रवाई किस स्तर पर व किस हद तक होती है।