नई दिल्ली। एक टाईम था जब लगभग सभी लड़कियों की एक ही सोच थी।कॉलेज के बाद एक पार्टनर का मिलना और सारी जिंदगी उसी के साथ गुजार देना।वक्त के साथ महिलाओं की सोच में भी फर्क आ गया।आज की लड़कियां अकेले रहने में ज्यादा यकीन रखती हैं।क्या हैं लड़कियों की ऐसी सोच की वजह।
हमारे समाज के ज्यादातर घरों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं पर ज्यादा प्रतिबंध लगाया जाता है और हर चीज पुरुषों के मुताबिक होती है. ऐसे माहौल में महिलाओं को अपनी आजादी खोने का डर रहता है। ऐसे में महिलाओं को लगता है कि परिवार से तो बंधे हैं किसी रिश्ते में इस तरह बंध के ना रहना पड़े तो ज्यादा बेहतर हैं।
इस दुनिया में हर किसी को रिजेक्ट होने और दिल टूटने का डर लगता है। लड़कियों को लड़कों से इस बात का डर लगता है कि वो उनका दिल तोड़ देंगे इसलिए किसी को पसंद करने के बावजुद भी वो सिंगल रहना ही ज्यादा पसंद करती हैं।
आज की महिलाएं शादी करने से ज्यादा अपने बूढ़े माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने को ज्यादा तवज्जो देती हैं. उम्र के इस पड़ाव पर माता-पिता को अकेले छोड़ने का डर उन्हें शादी का निर्णय लेने से रोकता है।कई बार उन्हें लगता है कि रिलेशनशिप के चक्कर में वो अपने माता-पिता के सपने को पूरा नहीं कर पाएंगी इसलिए वो कमिटमेंट से बचती हैं।