लखनऊ। आखिरकार गायत्री प्रजापति और उनके साथियों के लिए बुरी खबर आ ती गई। निचली अदालत से मिली जमानत आखिरकार इलाहाबाद की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी। इसके बाद अब गायत्री प्रजापति और उनके साथी विकास वर्मा एवं अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू के लिए जेल की सलाखें अदालत के इस आदेश के बाद लिख गई हैं। न्यायालय ने राज्य सरकार की ओर से जमानत खारिज करने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए । गायत्री प्रजापति और उनके साथियों को निचली अदालत में जमानत मिलने के आदेश को खारिज करते हुए । निचली अदालत से मिले जमानत के आदेश को रद्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है। इस दौरान अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही और मदन मोहन पांडेय एवं अनुराग वर्मा द्वारा अदालत को यह बताया गया कि निचली अदालत में राज्य सरकार को सुनवाई का पूरा मौका मिला। गायत्री प्रजापति ने अदालत को गुमराह करते हुए कहा कि उनका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है जबकि गायत्री प्रजापति के ऊपर 6 अपराधिक मुकदमें चल रहे हैं। इनकी क्रिमनल हिस्ट्री भी है।
साथ ही याचिका में कहा गया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गायत्री और उनके 6 अन्य साथियों पर सामूहिक बलात्कार, पोस्को एक्ट एवं जानमाल की धमकी आदि की संगीन धाराओ में FIR दर्ज कराई गई थी। पिछली सुनवाई में ही हाईकोर्ट ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों को निचली अदालत से मिले जमानत के आदेश पर रोक लगा दी थी।