नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को देश में 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद देश में नोटबंदी के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था। नोटबंदी का लोगों के जीवन पर काफी गहरा असर पड़ा था। खास कर आम लोगों के जीवन पर इसका गहरा असर पड़ा। उस वक्त स्थिति ये थी कि लोगों के पास खाने का सामन खरीदने तक के पैसे नहीं थे। कैश के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइने लगाकर खड़ा होना पड़ता था। साथ ही नोट जमा करने के लिए बैंकों में पूरे पूरे दिन इंतेजार करना पड़ता था।
बता दें कि नोटबंदी होने के बाद लोगों की हालत ये थी कि उनको अपना काम धंधा छोड़कर अपना कीमती वक्त बैंकों में बीताना पड़ रहा था। सरकार ने नोटबंदी का हवाला देते हुए कहा था कि इससे भ्रष्ट्राचार पर रोक लगेगी। नक्सलवाद खत्म होगा। देश को कैशलेस बनाने में मदद मिलेगी। जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। नोटबंदी के कारण गरीबों से उनका रोजगार छिन गया। गरीब दो वक्त की रोटी के लिए तरस गया। पूरे साल इंतेजार कर त्योंहार की खुशी मनाने वाले लोगों से उनकी खुशी छिन गई। नोटबंदी तो हुई साथ ही मंहगाई भी सातवें आसमान पर पहुंच गई जिससे लोगों की कमर और ज्यादा टूट गई।
नोटबंदी से बाजर हुआ हल्का
वहीं नोटबंदी के बाद लोगों की ये पहली दिवाली है। जिसे मनाने में लोगों का दिवाला निकला हुआ है। छोटी से छोटी चीज खरीदने के लिए भी 100 बार सोचना पड़ रहा है क्योंकि नोट बंदी के बाद बााजार इतना प्रभावित हुआ है कि हर चीज के दाम दो गुने हो गए हैं। सजावट के सामान से लेकर मिठाईयां तक सभी चीजें मंहगी हो गई हैं। नोटबंदी से तो लोग परेशान हुए ही थे कि जीएसटी ने बची हुई कसर भी पूरी कर दी। जब से जीएसटी लागू हुई है तभी से बाजार में सामन के दाम बढ़ते जा रहे हैं। नोटबंदी से बाजार पर सबसे गहरा असर पड़ा है। जिसकी वजह से दिवाली का मजा किरकिरा हो गया है। नोटबंदी के कारण दिवाली का बाजार इतना हल्का हो गया है कि लोग नया सामन न खरीद कर पुराने ही सामन को बेचने की कोशिश कर रहे हैं।
नोटबंदी के बाद व्यापारियों की पहली दिवाली
इस दिवाली पर अगर नोटबंदी से किसी का दिवाला निकला है तो वो व्यापारियों का। जी हां नोटबंदी के कारण व्यापारी इतने परेशान हो गए हैं कि व्यापारियों का कारोबार न के बराबर हो गया है। नोटबंदी के बाद आम लोग ही क्या कारोबारी भी परेशान हैं। नोटबंदी के बाद व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा। सबसे ज्यादा नोटबंदी से कपड़ा व्यापारी परेशान हुए हैं। क्योंकि दिवाली का मौका है और नोटबंदी और जीएसटी की वजह से कपड़ों की खरीदारी कम हो गई है। मंहगाई होने के कारण लोग मंहगें कपड़े ना के बराबर खरीद रहें हैं। आम लोगों की तरह व्यापारियों की भी दिवाली फीकी पड़ गई है। नोटबंदी और जीएसटी की वजह से अगर कोई परेशान है तो वो व्यापारी जिनका व्यापार नोटबंदी और जीएसटी की वजह से बर्बाद हो गया है।