फतेहपुर। नोटबंदी के चलते सोमवार को प्रधान डाकघर से कैश न मिलने पर एक बेबस पिता को दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई। शादी के घर में खुशियों के बजाय मातम का माहौल छा गया। बेटी को विदा करने के पहले ही पिता दुनिया से विदा हो गया। बेटी का रो-रो कर बुरा हाल है। वह पिता की मौत की जिम्मेदार खुद को मान रही है, जबकि हकीकत यह है कि डाकघर की अव्यवस्था के चलते बेटी की शादी के लिए कई दिन तक लाइन में लगने के बाद भी जब कैश न मिला तो पिता को गहरा अघात पहुंचा।
मलवां थाना क्षेत्र के छतवापुर गांव निवासी चुन्ना के 40 वर्षीय पुत्र श्याम सुंदर की पुत्री संगीता की शादी 18 दिसंबर को होनी है। शादी के लिए श्याम सुंदर एक सप्ताह से कैश लेने के लिए गांव से मुख्यालय स्थित प्रधान डाकघर के चक्कर काट रहा था। हर दिन सुबह से शाम तक लाइन में लगने के बाद भी डाकघर की अव्यस्था के चलते उसे कैश नहीं मिल पा रहा था।
श्याम सुंदर सोचता रहा कि अगर शादी की तारीख के पहले उसे कैश न मिला तो क्या होगा। इसी उधेड़बुन मंे उसके दिल को अघात पहुंचा। परिजन उसे जिला अस्पताल लाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल आने पर इमरजेंसी में चिकित्सक ने उनकी नब्ज पकड़कर मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक के भाई उदयभान सिंह ने बताया कि भाई श्याम सुंदर एक सप्ताह से फतेहपुर जा-आ रहे थे। प्रधान डाकघर से बेटी की शादी के लिए डेढ़ लाख रुपये निकालने थे। इसके लिए वह रोज लाइन में लगते थे, लेकिन कभी उनका नंबर आने तक समय खत्म हो जाता था तो कभी पैसा खत्म हो जाता था। डाकघर के अधिकारी व कर्मचारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। वह बेटी के शादी का हवाला भी देते, लेकिन उनकी एक न सुनी जाती। बेटी की शादी की तारीख नजदीक आ रही थी। शादी की तैयारी न कर सकने के कारण उनको अघात पहुंचा। हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई।