हमीरपुर। हमीरपुर में आर्थिक तंगी का शिकार युवा किसान साहूकार और बैंक के कर्ज से तंग आकर फांसी के फंदे पर झूल गया। सुबह सुबह किसान की लाश फंदे पर लटकी देख परिवार में कोहराम मच गया। देखते देखते पड़ोसियों की भारी भीड़ लग गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है। गांव में भी शोक की लहर दौड़ गई।
हमीरपुर जनपद के थाना जरिया के करियारी गांव निवासी किसान नरेश राजपूत 32 वर्ष आर्थिक तंगी का शिकार था। इलाहाबाद बैंक जरिया का कृषक नरेश के ऊपर करीब 55 हजार रुपये का कर्ज था जबकि उसने साहूकारों से भी करीब ढाई लाख रुपये कर्ज ले रखा था। इस तरह करीब तीन लाख रुपए के कर्ज में दबे किसान को इस साल फसल की पूरी उम्मीद थी। मगर फसल उसकी उम्मीदों के मुताबिक नही हुई और वह परेशान रहने लगा ।
किसान की माँ का कहना है कि फसल की कटाई के बाद नरेश तनाव में रह रहा था। इसी तनाव के चलते उसने बीती रात में फ़ांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। किसान नरेश राजपूत तीन बीघा का काश्तकार था।दो बच्चों का पिता नरेश राजपूत अपनी इसी ज़मीन के सहारे परिवार का भरण पोषण कर रहा था। पति की मौत पर पत्नी जयंती का बुरा हाल है। मृतक नरेश राजपूत तीन भाइयों में बीच का था। बड़े भाई फूल सिंह और छोटा चन्द्रशेखर अलग अलग रहते है। नरेश को इस साल सरकारी कर्ज चुकाना था लेकिन उसकी उम्मीद के मुताबिक फसल की पैदावार नही हुई और यहाँ पर साहूकारों का भी दबाव उस पर दिन पे दिन बढता जा रहा था। जिसके कारण वे इस मुसीबत से बाहर नही निकल पाया। इसी परेशान की वजह से उसने आत्म हत्या करली।
प्रदेश में योगी सरकार का किसानों का कर्ज माफ़ी का तोहफा भी उसके काम न आ सका। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है जिसमें उसकी पत्नी और बच्चों की ज़िम्मेदारी अब कौन उठेगा ये एक बड़ा सवाल सामने आया है। मृतक के दोनों भाई है और दोनों शादी शुदा है और अलग अलग रहते है। माँ और बाप भी वृद्ध हो चुके है। अब देखना ये है कौन कब तक इनकी देख रख करता है?
-सन्तोष चक्रवर्ती, हमीरपुर