लखनऊ। लखनऊ में तब हड़कंप मच गया जब केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में कर्मचारियों की लापरवाही का एक ऐसा नमूना सामने आया जो अब तक आपने सुना नहीं होगा। मामला बुधवार का है, जिसमें बस्ती में रहने वाली मोनिका नाम की महिला ने अपने एक महीने के बच्चे को फेफड़ों में पानी भर जाने के कारण ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। बच्चे को सांस लेने में में परेशानी हो रही थी। इसके बाद जब शुक्रवार को दंपति ने बच्चे को देखने के लिए कहा तो उनहें बताया गया कि उनके बच्चे की मौत हो गई है।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का अंत यहीं नहीं हुआ उन्हें बताया गया कि उनके बच्चे का शव गलती से किसी और को दे दिया गया है। ये सुनकर बच्चे की मां सदमे में है। परिवारजनों के काफी देर हंगामा करने के बाद हास्पिटल स्टाफ ने जिस परिवार को बच्चा गिया था उन्हें काल की। लेकिन किसी कारण उस परिवार से संपर्क नहीं हो पाया। तब डॉक्टर ने उस परिवार के घर जाकर बच्चे का शव उसके परिवार को सौंपा।इस मामले में एनआईसीयू की ड्यूटी इंचार्ज डॉ. शालिनी त्रिपाठी ने कहा कि कि इसमें परिवार के लोगों की गलती हैं। परिवार के लोगों ने ही गलत बच्चा उठा लिया था। दोनों ही बच्चे एक महीने के थे और एक ही बेड पर भर्ती थे, इसलिए ये परेशानी सामने आई।