पटना। प्रदेश में शराब पूरी तरह से बंद होने के बाद सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान हुआ है। शराबबंदी के फैसले के एक साल बाद सरकार की तरफ से फैसला लिया गया कि सबसे ज्यादा ताड़ वाले 12 जिलों में नीरा (ताड़ी) बेची जा सकती है। कोल्ड डिंक्स,जूस,लस्सी और पान की गुमटियों में आईस बॉक्स में रखकर नीरा की बिक्री होगी।
12 जिलों की सूची
राज्य सरकार के उद्योग विभााग के प्रधान सचिव डा.एस सिद्धार्थ ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर नीरा प्रोजक्ट की जानकारी दी गयी है। 12 जिलों यथा गया, नवादा, नालंदा, बांका, भागलपुर, समस्तीपुर, पटना, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर ,वैशाली, सारण और जहानाबाद में जीविका के माध्यम से नीरा प्रोजेक्ट का संचालन होगा। सरकार ने 12 जिलों में प्रखंड स्तर पर 284 उत्पादक 12 समूहों नीरा के कारोबार की अनुमति दी है। प्रदेश के शेष 26 जिलों में कृषि विभाग,कृषि विज्ञान केन्द्र और कृषि विश्वविद्यालय, सबौर को नीरा के संंबंध में उत्पादकों को प्रशिक्षण देने की कार्य योजना बनी हैं।
ताड़ और खजूर से ताड़ी उत्पादन में लगे लोगों को राहत
मालूम हो,प्रदेश में 2016 में 1 अप्रैल से देसी और 5 अप्रैल से विदेशी शराब के पीने, बेचने, रखने,भंडार करने और उत्पादन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। तब से प्रदेश में ताड़ी के भी पीने-बेचने पर संशय कायम था। बताते चले कि प्रदेश में 92 लाख ताड़ और 58 लाख खजूड़ के पेड़ है। राज्य में 90 हजार व्यक्ति ताड़ और खजूर से ताड़ी उत्पादन में लगे हुए है। सरकार की तरफ से ये प्रोजेक्ट नीरा उत्पादन से जुड़े लोगों को राहत देने के लिए शुरू किया गया है।
सात सदस्यीय समिति करेगी मानिटरिंग
सरकार के निर्देश के आलोक में नीरा का संग्रह कर उसे स्तर पर बिक्री के साथ गुड़ का उत्पादन होगा और कम्फेड के प्लांट में नीरा की प्रोसेसिंग एवं गुड़ निर्माण होगा। हाजीपुर और नालंदा में नीरा प्लांट की स्थापना की जा चुकी है। गया और भागलपुर में भी प्लांट लग रहा है। हाजीपुर, नालंदा और गया में नीरा की प्रोसेसिंग और गुड़ का निर्माण होगा जबकि भागलपुर में केवल गुड़ बनेगा। नीरा के उत्पादन और बिक्री की मानिटरिंग की जिम्मेदारी डीएम की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यीय समिति को दी गई है।