नई दिल्ली। यूरोपियन यूनियन द्वारा मंगलवार को गूगल पर इंटरनेट सर्च को लेकर दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है ईयू ने गूगल पर सर्च इंजन का दुरुपयोग कर उसकी नई शॉपिंग सर्विस को फायदा पहुंचाने के आरोप में 1.1 बिलियन यूरोस यानि लगभग 1.2 बिलियन डॉलर या 120 करोड़ डॉलर का जुर्माना समाचारपत्र द गार्जियनके मुताबिक यूरोपीय संघ के अधिकारी आगामी हफ्तों में बड़ी प्रौघोगिकी कंपनी को उसके बाजार पर अधिपत्य जमाने का दोषी होने की घोषणा कर सकते हैं।
ईयू गूगल से उसके सर्च इंजन में बदलाव की मांग भी कर सकता है जिससे सर्च रिजल्ट में वह अपनी सर्विस के लिए पक्षपाती न दिखे इसकी जांच 2010 से शुरु हुई ती इस मामले ने तब अधिक तूल पकड़ा जब अन्य साइटों ने शिकायत करते हुए कहा कि गूगल ने अपने सर्च रिजल्ट से उनकी सेवाएं हटा दी है गूगल का यूरोप में इंटरनेट सर्च पर 90 प्रतिशत का शेयर है इससे गूगल को यह पावर मिल जाती है कि वो जहां चाहे यूजर्स को उस तरफ भेज सकता है गूगल एक पावरफुल टूल के रुप में सामने आता है जिसके हाथ में यूजर्स को नेविगेट करने की क्षमता हैं।
इस पूरे मामले पर गूगल का कहना है कि ऑनलाइव शॉपिंग में कंपनी की एंट्री कंस्यूमर्स और रिटेलर्स दोनों के लिए फायदेमेंद है यह बात कहते हुए गूगल ने अपना पक्ष रखा कि यह कदम ऑनलाइन शॉपिंग में किसी एकाधिकार के लिए नहीं था इसके अलावा गूगल कमीशन के साथ दो अन्य प्रतिस्पर्धिक केस भी लड़ रहा था जहां कपनी को भारी जुर्माना देना पड़ सकता हैं।
गूगल की जो मूल कंपनी है अल्फाबेट पर पिछले साल 90 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया था जो गूगल के खरीदारी राजस्व का 30 फीसदी जुर्माना माना गया है गूगल को यह साफ करना होगा कि वह भविष्य में अपने
खरीदारी व्यवसाय का निर्माण कैसे करना चाहता है और अगर वह ऐसा नहीं करता है तो गूगल द्वारा निर्धारित समय में नहीं कर पाता है तो कंपनी प्रत्येक दिन के औसत दैनिक कारोबार का 5 फीसदी जुर्माने के रुप में देना होगा जांच में ये भी बात सामने आई है कि गूगल ने गलत तरीके से प्रतिबंध लगा दिया था जिसके इसने सर्च बार और विज्ञापनों का इस्तेमाल किया।