नई दिल्ली। सावन के अन्तिम सोमवार और आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि को लगे इस चंद्रग्रहण के बाद आज सुबह ये ग्रहण खत्म हो गया। ये चंद्र गहण भारत के साथ दक्षिणी और पूर्व एशिया के साथ यूरोप, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में देखा गया है। वैसे भी ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं होती हैं। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान कई नकारात्मक ऊर्जा वातावरण में संचारित होती रहती है। इस दौरान कई राशि वालों के लिए ग्रहण का दर्शन शुभ तो कई के लिए अशुभ फल दायक होता है।
ग्रहण का सूतक लगने के बाद धार्मिक और वैज्ञानिक तथ्य हैं कि इसका असर जीव-जन्तु दोनों पर पड़ता है। ग्रहण को लेकर ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों का कहना है कि इस दिन परिवार में बुजुर्ग और बच्चों और बिमार सदस्यों को अलावा किसी को भोजन इत्यादि नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन गर्भवती स्त्रियों को घर के बाहर ग्रहण काल तक और सूतक में नहीं निकला चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है, जो कि इस धरती के हर जीव-जुन्त के लिए घातक होती है। इसलिए इस दिन लोगों को घरों में रहकर पूजा-पाठ करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से इस दिन संचारित होने वाली नकारात्मक ऊर्जा का मुकाबला करने के लिए घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है।
आईए जानते हैं कि ग्रहण के बाद आप इसके प्रभाव से अपने आपको कैसे दूर कर सकते हैं। ग्रहण के अगले दिन सुबह या ग्रहण की समाप्ति के बाद आप स्नान कर साफ और धुले कपड़े पहने इसके साथ ही ग्रहण के वक्त पहने कपड़ों को गरीब और जरूरतमंदों को दान दें। स्नान ते बाद ही घर में प्रवेश करें। घर में पूजा घर में रखी मूर्तियों को गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें। इसके साथ ही स्नान कर 3 नारियल और सवा किनो सतनाजा गरीबों में दान कर नारियल को नदी में प्रवाहित करें। ग्रहण के बाद पितरों को याद कर उनके नाम से दान दें। इसके साथ ही इस दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान शंकर की उपासना करें।