बलरामपुर। सुप्रीम कोर्ट का आदेश हो या पीएम व सीएम का फरमान माननीय जनप्रतिनिधि अपनी लग्जरी गाड़ियों पर पदनाम लिखने का मोह नहीं त्याग पा रहे हैं। जब खुद भाजपा के विधायक व संगठन के पदाधिकारी अपनी गाड़ियों पर पदनाम का बड़ा-बड़ा स्टीकर लगाकर घूम रहे हैं तो और कोई क्यों न लगाए। ऐसा ही नजारा आज जनपद बलरामपुर जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश राना की मौजूदगी में जिला योजना की बैठक में देखने को मिला। बैठक में पहुंचे विधायक, जिलाध्यक्ष भाजपा, सदस्य जिलापंचायत की गाड़ियों पर बडे़-बडे़ अक्षरों मे पदनाम लिखा दिखाई दिया है। इतना ही नहीं माननीयों से प्रशासनिक अधिकारी भी पीछे नहीं हैं। डीएम व एसपी की गाड़ियों पर भी पदनाम लिखा दिखा है।
बलरामपुर जिले में सुप्रीम कोर्ट के साथ साथ पीएम व सीएम के आदेशों का उल्लंघन जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी तथा माननीय खुलेआम कर रहे हैं। डीएम एसपी से लेकर विधायक, जिलाध्यक्ष भाजपा जिलापंचायत सदस्य जैसे पदनाम गाड़ियों पर लिखवाकर वीआईपी बनते हुए पद की धौंस दिखा रहे हैं। जब नियमों का पालन कराने वाले अधिकारी व नियम बनाने वाले मानवीय ही नियमों की धज्जियां उड़ाएंगे तो पालन कैसे होगा और वीआईपी कल्चर कैसे समाप्त होगा।
क्या मोदी तथा योगी के फरमान का खुद उनके पार्टी के पदाधिकारी व विधायक नहीं मानते है,ये अपने आप मे एक बड़ा सवाल है। आज जिला योजना की बैठक मे जनपद के चारों विधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष की लग्जरी गाड़ियों पर मोटे-मोटे अक्षरों मे पदनाम लिखा दिखाई दिया है। एक विधायक की गाड़ी पर नम्बर तो नहीं लिखा था लेकिन पदनाम बड़े बड़े अक्षरों मे लिखा हुआ था। इतना ही नहीं जिलाधिकारी की प्रशनल इनोवा कार पर डीएम तो पुलिस अधीक्षक के स्कार्पियो पर मोटे-मोटे अक्षरों में एसपी लिखा दिखाई दिया। इस सम्बन्ध मे प्रभारी मंत्री सुरेश राना से हमारे संवाददाता ने जानने की कोशिश की तो वे आधा अधूरा जबाब देकर कन्नी काटकर चल दिए।