हरारे। जिम्बाब्वे में रॉबर्ट मुगाबे के इस्तीफे के बाद एमर्सन मन्नगागवा शुक्रवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। वह बीते बुधवार को स्वदेश लौट आए और उनके समर्थक उनकी शपथ और पूर्ण लोकतंत्र का मूर्त रूप देखने को बेताब हैं। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। विदित हो कि दो सप्ताह पहले मुगाबे की पत्नी ग्रेस से मतभेद गहरा जाने पर मन्नगागवा उपराष्ट्रपति पद से बर्खास्त कर दिए गए थे। इसके बाद वह सुरक्षा कारणों से देश छोड़कर दक्षिण अफ्रीका चले गए थे।
बता दें कि सेना और सुरक्षा एजेंसियों के साथ उनके घनिष्ठ संबंध हैं। यही वजह है कि उनके हटने के बाद से ही मुगाबे के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद होने शुरू हो गए और सेना ने एक तरह से तख्तापलट दिया था। संसद के अध्यक्ष जैकब मुदेंदा ने बताया कि सत्तारूढ़ जानू- पीएफ पार्टी ने उन्हें जानकारी दी है कि राष्ट्रपति पद के लिए मन्नगागवा का नाम तय किया गया है। मुगाबे (93) के इस्तीफा देने से राष्ट्रपति पद खाली है। पार्टी, अंतरराष्ट्रीय बिरादरी और सेना के दबाव में पद से इस्तीफा दिया था। इससे पहले सेना ने उनके अधिकार छीनते हुए उन्हें आवास में ही नजरबंद कर दिया था।