सूबे के मुखिया के लाख प्रयास के बाद भी स्वास्थ विभाग की चरमराती व्यवस्था पटरी पर आने का नाम तक नहीं ले रही है। जिला अस्पताल में मरीजों के वार्ड में बिजली न होने के कारण मरीज उनके तीमारदार भी पसीना हैं। सूबे के मुखिया ने भले ही जनता से 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था मगर यहां की जमीनी हकीकत कुछ और हैं। यहाँ के आलाधिकारी और अस्पताल के जिम्मेदारा पना ठुकरा विद्युत विभाग पर ठोकते नजर आ रहे हैं। आखिर कार इन व्यवस्थाओं पर अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पड़ रही है। यहां के मरीजों का गर्मी के कारण हाल बद से बेबत्तर हैं।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले का जिला अस्पताल जो अपनी बदहाली पर सदा आंसू बहाता देखा जा सकता है। यहां वार्डों में मरीजों के लिए कूलर पंखे लगाए तो गए मगर यह हाथी दांत से कम नहीं हैं। इनसे मरीजों को कोई लाभ नहीं होता है। एक तो गर्मी दूसरा उस पर बिजली ना आना वार्डों में गर्मी के मारे मरीज मछली की तरह तड़पते देखे जा सकते हैं। इस बारे में जब यहां के सी एम एस हरगोविंद सिंह से बात की गई तो उन्होंने केबिल फाल्ट बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
वही विद्युत विभाग के अधिकारियों ने अपना दामन बचाते हुए दुसरे पर ठोकरा लादते हुए किनारा कर लिया। जनपद में कुछ दिन पहले आए प्रभारी मंत्री सत्य देव पचौरी ने भारती जनता पार्टी की सरकार के 100 दिन पुरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी सरकार की उपलब्धिया गिनाते हुए बताया की उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे और शहरों में 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था। जो कोई भी सरकार पूरा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा था कि सरकार ने उसको 100 दिन में पूरा कर दिया। उत्तर प्रदेश को बिजली कटौती से मुक्त प्रदेश कर दिया। ऐसे में सवाल यह है कि क्या यही बिजली कटौती मुक्त प्रदेश हैं।