September 8, 2024 7:05 am
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UP Election 2022: मोदी के आने के बाद कैसे 2017 में काशी हुआ भगवामय

UP Election 2022: मोदी के आने के बाद कैसे 2017 में काशी हुआ भगवामय

लखनऊ: 2014 के बाद से काशी में बहुत कुछ बदल गया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से पहली बार चुनाव लड़ने आए। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में एकतरफा भाजपा और उनके सहयोगी दलों ने यहां जीत दर्ज की। जिले की कुल 8 विधानसभा सीटों में 6 बीजेपी और दो उनके सहयोगी दल को मिली।

पिंडरा- पिंडरा विधानसभा सीट पर 2012 में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2017 में बीजेपी से अवधेश सिंह ने 36000 से अधिक वोटों से अपने प्रतिद्वंदी को हराया।

अजगरा(SC)- 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ सहयोगी दल के रूप में रहे सुहेलदेव समाज पार्टी(SBPS) के उम्मीदवार ने यहां से जीत दर्ज की। कैलाशनाथ सोनकर ने समाजवादी पार्टी के लाल जी शंकर को 21000 से अधिक वोटों से हराया।

शिवपुर- यूपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर यहां से विधायक हैं, जिन्होंने 1,10,453 वोट लेकर दमदार जीत हासिल की। जबकि 2012 में यहां से बहुजन समाज पार्टी के उदयलाल मौर्य ने जीत हासिल की थी।

रोहनिया- बीजेपी के नजरिए से यह सीट काफी मजबूत स्थिति में रही थी, 2017 में यहां से सुरेंद्र नारायण सिंह ने 1,19,885 वोट लेकर अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी महेंद्र सिंह पटेल को हराया। आपको बता दें कि यह वही विधानसभा सीट है, जहां से 2012 में अनुप्रिया पटेल विधायक बनीं थीं।

वाराणसी (उत्तर)- पिछले दो विधानसभा चुनाव से लगातार बीजेपी यहां जीतती आ रही है। रविंद्र जयसवाल, जिन्होंने अपने जीत के अंतर को 2017 में बढ़ाकर 45000 कर लिया। इस चुनाव में दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी रही।

वाराणसी (दक्षिण)- 1989 से 2012 तक यहां भारतीय जनता पार्टी के श्यामदेव राय चौधरी विधायक रहे। इसके बाद 2017 में नीलकंठ तिवारी ने जीत दर्ज की। लगातार यहां बीजेपी अपना दबदबा कायम किए हुए। 2017 में जीत का अंतर 17000 वोट का रहा, दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी रही.

वाराणसी (कैंट)- वाराणसी दक्षिण विधानसभा सीट के जैसे ही यहां भी 1991 से लगातार भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है। 2017 में भी बीजेपी के सौरभ श्रीवास्तव ने 1,32,609 वोट से जीत दर्ज की। जीत का अंतर 61326 वोट कर रहा। दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी ने अपनी जगह बनाई। दिलचस्प बात यह रही कि इसके पहले जीत का अंतर बहुत कम रहता था लेकिन 2017 में बीजेपी ने इसे बढ़ाकर कई गुना कर लिया।

सेवापुरी- वाराणसी जिले में इकलौती विधानसभा सीट है, जहां से अपना दल(एस) के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। नील रतन सिंह पटेल ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह पटेल को 49182 वोटों से हराया। 2012 में सुरेंद्र सिंह पटेल समाजवादी पार्टी की तरफ से यहां से विधायक थे, लेकिन इस बार बीजेपी की लहर में वह चुनाव हार गए।

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