नई दिल्ली। इराक में वर्ष 2014 से लापता 39 परिवारों ने आज रविवार को केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर से मुलाकात कर अपने परिजनों के स्वदेश वापसी में मदद की गुहार लगाई। सुषमा ने परिजनों को आश्वासन दिया कि सरकार लापता भारतियों की स्वदेश वापसी का पूर्ण प्रयास कर रही है। परिजनों से मुलाकात के बाद सुषमा स्वराज ने सभी को पूर्ण मदद का आश्वासन दिया है। सुषमा स्वराज ने कहा कि जिस दिन इराक के प्रधानमंत्री ने आईएसआईएस से मोसुल को मुक्त कराया था। उसी दिन मैंने हमारे सहयोगी और राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह 39 भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए इराक जाने के निर्देश दे दिए थे।
बता दें कि वीके सिंह इराक के दौरे पर हैं। इराक में भारत के राजदूत और एरबिल में हमारे कौंसुल जनरल को निर्देश दिया गया है कि वे प्राथमिकता से भारतीयों की तलाश की कोशिश जारी रखें। वी के सिंह ने बुधवार को इराक से सोशल मीडिया पर बताया था कि आज मैंने मोसुल का दौरा किया। भीषण संघर्ष से पूरा क्षेत्र आतंकित है| यह याद रखना हमारे लिए आवश्यक है कि सफलता के लिए हमें हर कदम फूँक-फूँक कर रखना होगा। क्षेत्रीय कुर्द सेना से मिली जानकारी हमारे अभियान के लिए अतिमहत्वपूर्ण है| इसके लिए मैं उनका आभारी रहूँगा। आशा करता हूँ कि आपकी शुभकामनाएँ और हमारे प्रयास सफल होंगे, और हमारे देशवासी सकुशल स्वदेश लौटेंगे।
दरअसल इराक के शहर मोसुल के आईएसआईएस के चंगुल से आजाद होने के बाद भारत सरकार ने वहां अपने विभिन्न चैनल ऐक्टिव कर दिए हैं, ताकि वहां 39 लापता भारतीयों की मौजूदगी की पुष्टि की जा सके। इराक ने मदद का आश्वासन भी दिया है और विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह इराक पहुंच रहे हैं। 8 महीने के संघर्ष के बाद इराक के पीएम हैदर अल आब्दी ने मोसुल को आईएस के चंगुल से मुक्त कराने का ऐलान किया है। इससे उन 39 भारतीय कामगारों का पता चलने की उम्मीद जगी है, जिन्हें 2014 में बंदी बना लिया गया था।
साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने भी कहा कि इराक के प्रधानमंत्री ने जैसे ही मोसुल की आजादी का ऐलान किया, सरकार ने तलाशी के लिए अपने चैनल ऐक्टिव कर दिए। आईएस के चंगुल से मोसुल को आजाद कराना आतंकवाद के खिलाफ ग्लोबल जंग में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत इसका स्वागत करता है।