नई दिल्ली। सावन का आखिरी सोमवार और सावन महीने का अन्तिम दिन पूर्णिमा तिथि रक्षाबंधन का त्यौहार और खंडग्रास चंद्र गहण सब कुछ एक साथ ये एक बड़ा संयोग है। सावन के अंतिम सोमवार के साथ अंतिम दिन पड़ने वाले चंद्रग्रहण का समय रात 10 बजकर 53 मिनट से शुरू होगा और ये ग्रहण काल रात्रि 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
इस ग्रहण का मध्यकाल रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। इस दिन ग्रहण का सूतक दिन में ठीक 1 बजकर 52 मिनट पर लगेगा। रक्षाबंधन के दिन पड़ने वाला ये ग्रहण 12 साल बाद लग रहा है। ऐसे में रक्षासूत्र बंध वाने वालों के लिए और रक्षा सूत्र बांधने वालों के लिए भ्रद्रा काल के बाद का समय ही बचा है। भद्राकाल सुबह 11 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इसके बाद 1 बजकर 52 मिनट के पहले तक ही रक्षाबंधन का कार्य किया जा सकेगा।
रक्षाबंधन के दिन इस बार अल्प समय में रक्षा सूत्र बंधने का समय मिलेगा। इस दौरान 12 सालों के बाद लगने वाले ग्रहण का अलग-अलग राशियों पर ज्योतिषी प्रभाव भी अलग-अलग पड़ेगा। चूंकि ये ग्रहण इस बार भारत में भी दिखेगा इसलिए इस ग्रहण का राशियों पर भारत में व्यापक प्रभाव पड़ेगा। मनुष्य के जीवन काल में राशियों का बड़ा प्रभाव पड़ता है। लेकिन कुछ खास नक्षत्रों और काल में ये प्रभाव खास असर डालता है। आइये जानते हैं अलग-अलग राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ग्रहण का।
ज्योतिषियों की माने तो कुछ राशियों के लिए ये ग्रहण खास योग लेकर आया है। जिनमें मेष, मीन, सिंह, मकर और कुंभ राशि वालों पर इस ग्रहण का योग बहुत अच्छा पड़ेगा। इन राशि के लोगों को धन लाभ का योग मिल सकता है। तो वहीं धनु, तुला, मिथुन, वृश्चिक, कर्क राशि पर चंद्र ग्रहण का योग अच्छा साबित नहीं होगा। इन राशि वालों के लिए कुछ परेशानियां खड़ी हो सकती है। इन राशिवालों को कुछ दिनों तक मुश्किल हालातों का सामना भी करना पड़ सकता है।