नई दिल्ली। मंगलवार से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है सबकी निगाहें सिर्फ इसी बात पर टिकी हुई हैं कि आखिरकार इस बजट में क्या महंगा होगा और क्या सस्ता। बजट सत्र से एक दिन पहले यानि की सोमवार को वित्ता मंत्री अरूण जेटली राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश होने से पहले इस बात पर नजर डालते हैं कि आखिरकार आर्थिक सर्वेक्षण क्यों पेश किया जाता है।
दरअसल आर्थिक सर्वे को किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर माना जाता है, इसी सर्वेक्षण के आधार पर इस बात का आंकलन किया जाता है कि आखिरकार आने वाला बजट क्या खास लेकर आने वाला है। भारत में बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी ?
-आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का वो साल भर का दस्तावेज या आंकड़ा है जिसमें देश की अर्थव्यवस्था की समीक्षा पेश की जाती है।
-सदियों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक इस सर्वेक्षण को बजट सत्र से एक दिन पहले दोनों सदनों में पेश किया जाता है।
सरकार रिपोर्ट के जरिए देश के सामने अर्थव्यवस्था के मौजूदा हाल की वजहें सामने रखती है। इस रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था के अलग-अलग हिस्सों के रोडमैप और विश्लेषण को पेश किया जाता है।
-आर्थिक सर्वेक्षण में छोटी अवधि से लेकर मध्यावधि तक अर्थव्यवस्था की संभावनाएं गिनवाई जाती हैं।
-सर्वेक्षण की रिपोर्ट में सरकार की योजनाओं की कामयाबी की रिपोर्ट होती है।
कैसे बनता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट वित्त मंत्रालय में आर्थिक जानकारों की टीम तैयार करती है। इस रिपोर्ट में सभी सरकारी एजेंसियों द्वारा तैयार की जाती रिपोर्ट को पेश किया जाता है।