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देश की आर्थिक दर में अगली तिमाही से होने लगेगी वृद्धी : रविशंकर

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गांधीनगर। देश की आर्थिक वृद्धी को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई केंद्र सरकार अब हर मोर्चे पर अपनी तारीफ करने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। केंद्र सरकार का हर मंत्री किसी न किसी मौके पर सरकार की योजनाओ की बढ़ाई करने से नहीं चूक रहा है। इस तर्ज पर चलते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक बार फिर देश की आर्थिक वृद्धी दर को लेकर सरकार की तारीफो के पूल बांधे है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्थिक वृद्धी दर के पहली तिमाही में आई गिरावट अस्थायी है और दूसरी तिमाही से अर्थव्यवस्था में सुधार होना शुरू हो जाएगा।

ravi shankar prasad देश की आर्थिक दर में अगली तिमाही से होने लगेगी वृद्धी : रविशंकरप्रसाद ने कहा कि चूंकि अर्थव्यवस्था के मजबूत होने के बहुत कारण है, इसलिए आने वाले दिनों में वृद्धि दर निश्चित रूप से सुधरेगी। प्रसाद ने कहा कि  ‘जीडीपी वृद्धि दर 2014-15 में 7.5 प्रतिशत थी जो  2015-16 में 8 प्रतिशत व 2016-17 में 7.1 प्रतिशत बढ़ी।  केवल एक तिमाही जो कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही।  मेरा मानना है कि दूसरी तिमाही में ये फिर तेज होगी।

उन्होंने कहा कि पहली तिमाही में वृद्धि दर में नरमी के लिए जीएसटी की शुरुआत के कारण अर्थव्यवस्था में आई उठापटक जिम्मेदार है। प्रसाद ने कहा कि  जब हम कोई पुल बनाते हैं तो ट्रैफिक का रास्ता बदलना पड़ता है, वाहनों की कतारें भी लगती हैं। लेकिन ये अस्थायी होता है क्योंकि पुल खुलने पर चीजें सामान्य हो जाती हैं।

बता दें कि जीएसटी परीषद् की बैठक में कई वस्तुओं के कर में कटौती कर दी गई है। जिनमें से ज्यादातर का फायदा गुजरात को रहा है। हालांकि जीडीपी के कर में गिरावट का फायदा पूरे देश के व्यापारियों को मिलेगा, लेकिन गुजरात में  इस साल के अंत में चुनाव होने है, ऐसे में सरकार ने ये फैसला गुजरात चुनाव को देखते हुए लिया है।

वही कटौती के समय संबंधी सवाल पर प्रसाद ने कहा कि सरकार हमेशा ही जीएसटी दरों में इस तरह के बदलावों को लेकर खुले दिमाग से काम करती रही है क्योंकि ये ‘अधिनायकवादी सरकार’ नहीं है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े देश में ये बड़ा कर सुधार कार्यान्वयन किया गया है। इसमें अगर किसी बदलाव की जरूरत है तो क्यों नहीं किया जाए, नरेंद्र मोदी सरकार कोई अधिनायकवादी सरकार नहीं है, हम जनहित में काम करने वाली सरकार हैं जो लोगों की दिक्कतों को सुनती है।

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