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मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने पर आम लोगो को मिली महंगाई से दोहरी राहत

pm modi 1 मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने पर आम लोगो को मिली महंगाई से दोहरी राहत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए-2 सरकार के 3 साल पूरे होने पर आम लोगों को महंगाई से दोहरी राहत मिलती दिख रही है। मोदी सरकार की कोशिश शुरु से महंगाई पर काबू पाने को लेकर रही है। इसके लिए मौजूदा सरकार ने लगातार प्रयास जारी रखे हैं।

pm modi 1 मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने पर आम लोगो को मिली महंगाई से दोहरी राहत

इन्ही प्रयासों के चलते खाद्य कीमतों में गिरावट के चलते मई के महीने में खुदरा महंगाई दर में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है जिसके चलते यह निचले स्तर 2.18 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं अप्रैल माह में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) 117.9 अंक रहा जो अप्रैल, 2016 के मुकाबले 3.1 फीसदी ज्‍यादा है।
अप्रैल में यह आंकड़ा 2.99 फीसदी था, लेकिन खाने पीने की चीजों में लगातार नरमी के चलते यह गिरावट देखने को मिली है। इस तरह 2012 के बाद मई में रिटेल महंगाई दर सबसे निचले स्तर पर आ गई है।
इस बार के मॉनसून के औसत से बेहतर रहने के अनुमानों के चलते संभावना बनी है कि महंगाई दर में आगे भी कमी बनी रहेगी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में उपभोक्ता खाद्य दाम सूची (सीएफपीआई) -1.05 फीसदी के नकारात्मक क्षेत्र में चला गया, जबकि मई 2016 में यह 7.47 फीसदी के स्तर पर था। ग्रामीण सीएफपीआई -0.60 फीसदी और अर्बन सीएफपीआई -1.85 फीसदी के स्तर पर रहा। वहीं दालों में 1.9 फीसदी की कमी दर्ज की गई। हालांकि मई में सब्जियों की कीमतों में बढ़त दर्ज की गई। इस महीने में सीपीआई सब्जियों की सूची में 1.8 फीसदी बढ़ा।
शहरी और ग्रामीण मुद्रास्फीति दोनों में कमी दर्ज की गई है। शहरों में महंगाई घटकर 2.13 फीसदी पर आ गई, जबकि अप्रैल में यह 3.03 फीसदी थी। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई मई में 2.30 फीसदी के स्तर पर आ गई, जो अप्रैल में 3.02 फीसदी के स्तर पर थी।
महंगाई में कमी के चलते अब संभावना जताई जा रही है कि रिजर्व बैंक की ओर से अगस्त द्विमासिक समीक्षा में ब्याज दरों में कमी की जा सकती है। पिछले ही सप्ताह आरबीआई ने मौद्रिक समीक्षा के दौरान नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था, जबकि सरकार और उद्योग इसकी उम्मीद में थे।

वहीं अप्रैल माह में औद्योगिक विकास दर 3.1 फीसदी रही। वहीं दूसरी ओर अप्रैल-मार्च, 2016-17 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 5.0 फीसदी आंकी गई है।
अप्रैल माह में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) 117.9 अंक रहा जो अप्रैल, 2016 के मुकाबले 3.1 फीसदी ज्‍यादा है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा अप्रैल 2017 के लिए जारी किये गये औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक के त्‍वरित आकलन (आधार वर्ष : 2011-12) से उपर्युक्‍त जानकारी मिली है।
14 स्रोत एजेंसियों से प्राप्‍त आंकड़ों के आधार पर आईआईपी का आकलन किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उर्वरक विभाग भी इन एजेंसियों में शामिल हैं।
अप्रैल, 2017 में खनन, विनिर्माण (मैन्‍युफैक्‍चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्‍पादन वृद्धि दर अप्रैल, 2016 के मुकाबले क्रमश: 4.2 फीसदी, 2.6 फीसदी तथा 5.4 फीसदी रही। वहीं, अप्रैल-मार्च 2016-17 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्‍टरों की उत्‍पादन वृद्धि दर क्रमश: 5.4, 4.9 तथा 5.8 फीसदी आंकी गई है।
अप्रैल, 2017 में प्राथमिक वस्‍तुओं (प्राइमरी गुड्स), पूंजीगत सामान, मध्‍यवर्ती वस्‍तुओं एवं बुनियादी ढांचागत/निर्माण वस्‍तुओं की उत्‍पादन वृद्धि दर अप्रैल, 2016 की तुलना में क्रमश: 3.4 फीसदी, (-)1.3 फीसदी, 4.6 फीसदी और 5.8 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान का सवाल है, इनकी उत्‍पादन वृद्धि दर अप्रैल, 2017 में (-) 6.0 फीसदी रही है। वहीं, गैर-टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान की उत्‍पादन वृद्धि दर अप्रैल, 2017 में 8.3 फीसदी रही।
इस दौरान उच्‍च धनात्‍मक उत्‍पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्‍वपूर्ण वस्‍तुओं में पाचन एंजाइम और एंटासिड (पीपीआई दवाओं सहित) (113.4%), ‘प्रिंटिंग मशीनरी’ (57.2%), ‘मीटर (बिजली और गैर-बिजली)’ (45.1%), ‘बीड़ी’ (38.7%), ‘चाय ‘(33.8%),’ हल्के स्टील की एचआर प्लेट्स ‘(26.6%),’ विभिन्न प्रकार के औद्योगिक वाल्व- सुरक्षा, राहत और नियंत्रण वाल्व (गैर-इलेक्ट्रॉनिक, गैर-इलेक्ट्रिकल) ‘(25.2%) और एचआर क्‍वायल एवं हल्के स्टील की चादरें (24.6%) शामिल हैं।
इस दौरान उच्‍च ऋणात्‍मक उत्‍पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्‍वपूर्ण वस्‍तुओं में काजू गिरी, चाहे संसाधित/भुनी हुई/नमकीन हो या नहीं (-) 72.9%, ‘एक्सल’ (-) 60.3%, चावल (बासमती को छोड़कर) (-) 39.9%, प्लास्टिक जार, बोतलें एवं कंटेनर (-) 39.7%, एयर फिल्टर (-) 31.9%, टूथ पेस्ट (-) 31.8%, ‘सभी प्रकार के वायु/गैस कंप्रेशर्स (रेफ्रिजरेटरों के लिए कम्प्रेसर सहित) (-) 31.6%, स्टेनलेस स्टील के बर्तन (-) 29.6%, वाणिज्यिक वाहन (-) 28.8%, एयरेटेड ड्रिंक्स/शीतल पेय (सॉफ्ट ड्रिंक कंसन्‍ट्रेट सहित) (-) 26.5% शामिल हैं।

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