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शादी होने से पहले न करें ये गलतियां… पड़ सकती हैं आप पर भारी

wedding1 शादी होने से पहले न करें ये गलतियां... पड़ सकती हैं आप पर भारी

नई दिल्ली। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग शादी के बंधन में बंध तो जाते है लेकिन उनका विवाह ज्यादा समय तक नहीं चल पाता…या फिर यूं कहें कि उनके बीच मतभेद उत्पन्न हो जाता है। विवाह के बाद विवाद बढ़ने के कई कारण होते है जिस पर लोगों का ध्यान नहीं जाता। तो चलिए आज हम आपको ऐसे कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका शादी करते समय ध्यान रखना भविष्य में आने वाली समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है।

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कुल देवी या देवता को आमंत्रित करना लेकर विदाई न करना:-

विवाह के समय परिवार के बड़े बुजुर्ग लड़का और लड़की की कुंडली का मिलान करवाते है। जब विवाह का कार्ड छपता है तो सबसे पहले वो उस कार्ड को अपने ईष्ट देवता के साथ-साथ भगवान श्री गणेश को अर्पित करते है। ऐसा कहा जाता है शादी ब्याह के शुभ कार्य में आमंत्रित होने का सबसे पहला न्यौता भगवान को ही दिया जाता है। ताकि वो इस शादी के जोड़े को अपना आर्शीर्वाद दे। लेकिन लोग शादी के काम-काज में इतने बिजी हो जाते है कि वो भगवान को सम्मान पूर्वक विदा करना भूल जाते है। अगर आप अपने घर पर किसी को बुला रहे हैं तो उसे सम्मान पूर्वक विदा करना भी आपका ही फर्ज है। लेकिन ऐसा होना आने वाले जोड़े की शादी शुदा जिंदगी पर भारी पड़ता है।

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शुभ मुहूर्त पर विवाह का न होना:-

किसी भी शादी का शुभ मुहूर्त पर होना अच्छा माना जाता है। परिवार के लोग अपने बच्चों की शादी के लिए पंडित से संपर्क करके विवाह के लिए एक शुभ मुहूर्त निकलवाते है। लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बारात के घर पर देर से पहुंचने में शुभ मुहूर्त या तो निकल जाता है या फिर द्वाराचार और उससे संबंधित रीति रिवाज निभाने में देरी होती है। ऐसा होने पर शुभ मुहूर्त का समय निकल जाता है और अपनी सुविधआनुसार शादी कर दी जाती है। ऐसी शादी भविष्य में वैवाहिक जीवन में दुखो को सिर्फ एक न्यौता मात्र ही रह जाती है।

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वैवाहिक जोड़े के कम गुणों का मिलना:-

शादी दो लोगों के अलावा दो परिवारों का मिलन होता है। शादी तय होने पर लड़का और लड़की पक्ष के लोग अपने बच्चों की कुंडली का मिलान करते है। हमारी कुंडली में 36 गुण होते है ऐसा कहा जाता है कि शादी के लिए जनम पत्री में 18 गुणों का मिलना जरुरी होता है लेकिन अगर किसी के 36 के 36 गुण भी मिलते है तो उसे भी अशुभ माना जाता है। अक्सर मांगलिक लड़को और लड़कियों की शादी एक दूसरे से कराना सही समझा जाता है लेकिन इसके विपरीत नॉन मांगलिक लड़के या लड़की से शादी कर दी जाती है। ऐसा करने से पहले उनके मंगल ग्रह का दोष दूर किया जाता है। लेकिन ऐसा करने से पहले उनका ध्यान कुंडली के 7वें भाव में नहीं जाता। यदि जनम पत्री के सातवें भाव में क्रूर ग्रह हो तो उनकी शान्ति भी जरूरी हैं।

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