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इमरजेन्सी वार्ड में इलाज नहीं आराम फरमाने के लिए आते हैं डॉक्टर!

hamirpur इमरजेन्सी वार्ड में इलाज नहीं आराम फरमाने के लिए आते हैं डॉक्टर!

हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में इमरजेन्सी चिकित्सा कक्ष में आकस्मिक मरीजों के लिए रात इतनी काली होती है कि उसे मौत साक्षात दिखायी दे जाती है क्योंकि यहां ड्यूटी मे तैनात डॉक्टर ड्यूटी मे सिर्फ आराम फरमाना जानते हैं और उधर मरीज बाहर यहां वहां परेशान व हताश भटकते रहते हैं।

hamirpur इमरजेन्सी वार्ड में इलाज नहीं आराम फरमाने के लिए आते हैं डॉक्टर!

इन डाक्टरों को न तो अपने उच्च अधिकारियों का खौफ रहता है और न ही योगी सरकार का डर,बीती रात यही नजारा सदर अस्पताल के इमरजेन्सी कक्ष में देखने को मिला जहां बिवांर मे आपसी मारपीट के शिकार दो पक्षों के कुछ घायलों को 100 डायल पुलिस गंभीर हालत होने पर सीधे जिला चिकित्सालय ले आये तो इमरजेन्सी मे तैनात डाक्टर ने पहले प्राथमिक उपचार करने के बाद डॉक्टर ने आगे के इलाज के लिए रिफर लेटर लाने को कहा। जिस पर 100 डायल के सिपाही ने डॉक्टर से निवेदन किया कि आप मरीज़ों का इलाज करें लेटर बाद में भी आ जाएगा।

इस पर डॉक्टर ने इलाज करने से ही मना कर दिया जिस पर 100 डायल के पुलिसकर्मी ने मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की और डॉक्टर से भी बात करवाई। जिस पर मानवता को शर्मसार करते हुए डॉक्टर ने अपने ही उच्च अधिकारी से भी बिना रेफर लेटर के इलाज करने से मना कर दिया।

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जीवन देने वाले डाक्टरों का यह चेहरा उजागर होने से लोगों मे डाक्टरों के प्रति नजरिया एक अच्छा संकेत नही है जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मुख्य चिकित्साधिकारी ने भी कुछ डाक्टरों द्वारा डाक्टरी पेशे को धूमिल करने की बात स्वीकार की है उन्होंने कहा कि कुछ डॉक्टर मरीजों का इलाज करने के बजाय तरह तरह के बहाने बनाकर अपने कर्तव्यों मे हीलाहवाली करते हैं जिनकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।

RP SANTOSH KUMAR इमरजेन्सी वार्ड में इलाज नहीं आराम फरमाने के लिए आते हैं डॉक्टर! संतोष कुमार चक्रवर्ती, संवाददाता

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