मेरठ। सूबे की योगी सरकार अपराध रोकने के दावे ही करती है, लेकिन लोगों में इस बात का डर बिलकुल ही नहीं है। बात मेरठ के पल्लवपुरम फेज दो में स्थित वाणी स्कूल एवं रिसर्च सेंटर के मूक एंव बधिर बच्चों के विद्यालय की है, जहां बीते मंगलवार को विद्यालय खत्म होने के बाद बच्चे बस में सवार होकर अपने अपने घरों के लिए जा रहे थे। बस में विद्यालय की प्रधानाचार्य अंशु गुप्ता और उप प्रधानाचार्य पूनम शर्मा भी मौजूद थीं। लेकिन विद्यालय से कुछ दूर चलते हैं। एक गाड़ी ने उनकी बस को पहले ओवर टेक किया। इसके बाद बस के सामने गाड़ी खड़ी कर दी।
इस गाड़ी से उतरे युवकों ने बस के चालक के साथ गाली गलौज और मारपीट करनी शुरू कर दी। बस में बैठे लोगों और अध्यापिकाओं ने बीच बचाव की कोशिश की तो युवकों ने उनके साथ ही मारपीट करनी शुरू कर दी। ये युवक शराब के नशे में धुत थे। उन्होने बस पर जमकर तोड़-फोड़ करते हुए शराब की बोतलें फेंकी। डरे सहमें लोग मदद के लिए 100 नम्बर पर फोन करते रहे लेकिन जब कोई जबाव नहीं आया तो उन लोगोंने गुहार लगानी शुरू कर दी। मारपीट के बीच जब बच्चों की गुहार की आवाज गूंजी तो आस-पास के लोग बस की तरफ बढ़े तो उतपाती युवक वहां से नौ दो ग्यारह हो गए।
बस के चालक और प्रधानाचार्य की माने तो उनके विद्यालय की दोनों बसों के चालकों के साथ मारपीट करते हुए युवकों ने शराब की बोतलें जमकर फेंकी । फिलहाल मौके पर किसी तरह से पुलिस को सूचना दी गई। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर हालात का जायजा लिया। प्रधानाचार्य अंशु गुप्ता की तहरीर पर पल्लवपुरम थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कर ली है। अब सवाल ये उठता है कि 100 नम्बर पर कॉल करने के बाद जबाव क्यों नहीं आया। दिन दहाड़े इस तरह की वारदात हो रही थी। तो पीसीआर की गाड़ियां कहां थी। पुलिस ने इस मामले में अभी तक क्या प्रगति की है। आस-पास के सीसीटीबी की फुटेज की पुलिस ने लिया या नहीं। लेकिन इतना तो साफ है कि अपराध को कम करने का पुलिस लाख दावा करे लेकिन हालते तस्वीर कुछ और है।