नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक के बाद जीएसटी में कई बड़े बदलाव करके आम लोगों को सरकार ने राहत दी है। काउंसिल ने 177 चीजों को 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब में से निकालकर 18 फीसदी के स्लैब में कर दिया है। इसका असर देश में 15 नवंबर से दिखने लगेगा। जीएसटी की इन दरों को कम किए जाने के बाद रेस्तरां में आज खाना खाना स्स्ता हो जाएगा। 15 नवंबर को जीएसटी की नई दरे लागू होने वाली है, लेकिन रेस्तरां में खाना खाने के शौकिन लोगों के लिए सरकार ने आज से खाने पर लगने वाले टैक्स की दर को आधा करके लागू कर दिया है।
आपको बता दें कि जीएसटी काउंसलि ने होटल और रेस्तरां की दरों को 12 और 18 फीसदी से कम कर 5 फीसदी के स्लैब में कर दिया है। अब रेस्तरां में खाना खाने के शौकिन लोगों से सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी कर वसूला जाएगा। काउंसिल ने जीएसटी की ये दर एसी और नॉन एसी दोनों रेस्तरां के लिए लागू की है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि रेस्तरां को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया जाएगा, जोकि उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाना होगा। बताते चलें कि रेस्तरां में खाना खाने के अलावा कई वस्तुओं के टैक्स में संशोधन किया गया है। नीचे हम आपको सभी पर लगने वाले नए टैक्स की लिस्ट दे रहे हैं।
28 की बजाए इन वस्तुओं पर लगेगा 18 फीसद जीएसटी:
- वायर, केबल, इंसुलेटेड कंडक्टर, इलेक्ट्रिक इंसुलेटर, इलेक्ट्रिक प्लग, स्विच, सॉकेट, फ्यूज, रिले और इलेक्ट्रिक कनेक्टर्स।
- इलेक्ट्रिक कंट्रोल एवं डिस्ट्रीब्यूशन के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड, पैनल, कंसोल और कैबिनेट।
- पार्टिकल/फाइबर बोर्ड और प्लाईवुड। लकड़ी के बने सामान और लकड़ी के फ्रेम।
- फर्नीचर और गद्दे एवं बिस्तर।
- ट्रंक (लोहे की पेटी), सूटकेस, ब्रीफकेस, ट्रैवलिंग बैग और हैंडबैग।
- डिटर्जेंट, धुलाई और सफाई में इस्तेमाल होने वाले सामान।
- शैंपू, हेयर क्रीम और हेयर डाई।
- शेविंग के सामान, डियोड्रेंट, पर्फ्यूम और मेकअप के सामान।
- फैन, पंप्स और कंप्रेसर।
- लैंप और लाइट फिटिंग के सामान।
- प्लास्टिक के सामान, शॉवर, सिंक, वॉशबेसिन, सीट्स के सामान और प्लास्टिक के सेनेटरी वेयर।
- संगमरमर और ग्रेनाइट के बने सामान।
- सभी प्रकार के सिरेमिक टाइल।
- कलाई घड़ी, घड़ी और वॉच केस एवं उससे जुड़े सामान।
- परिधान और चमड़े के कपड़ों के सामान।
- कटलरी, स्टोव, कुकर और इसी तरह के नॉन इलेक्ट्रिक डोमेस्टिक एप्लाइंस।
- रेजर और रेजर ब्लेड।
- ऑफिस और डेस्क इक्विपमेंट।
- बोर्ड और सीट्स जैसे प्लास्टिक के सामान।
- सीमेंट, कंक्रीट और कृतिम पत्थर से बने सामान।
- वॉल पेपर, ग्लास के सभी प्रकार के सामान, इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन और अग्निशमक उपकरण।
- बुलडोजर्स, लोडर और रोड रोलर्स, एस्केलेटर, कूलिंग टॉवर।
- रेडियो और टेलीविजन प्रसारण के विद्युत उपकरण।
- साउंड रिकॉर्डिंग उपकरण, सभी प्रकार के संगीत उपकरण और उससे जुड़े सामान।
- कृत्रिम फूल, पत्ते और कृत्रिम फल।
- कोको बटर, वसा और तेल पाउडर।
- चॉकलेट, च्विंगम और बबलगम।
- रबर ट्यूब और रबर के बने तरह तरह के सामान।
- चश्में और दूरबीन।
- ग्राइंडर की तरह स्टोन के बने वेट ग्राइंडर।
- टैंक और अन्य बख्तरबंद वाहन।
18 की बजाए वस्तुओं पर लगेगा 12 फीसद जीएसटी:
- गाढ़ा किया हुआ दूध
- रिफाइंड सुगर और सुगर क्यूब
- पास्ता
- मधुमेह रोगियों को दिया जाने वाला भोजन
- प्रिंटिंग इंक
- जूट और कॉटन के बने हैंड बैग और शॉपिंग बैग।
- हैट।
- कृषि, बागवानी, वानिकी और कटाई से जुड़ी मशीनरी के सामान।
- सिलाई मशीन के सामान।
18 के बजाय इन पर लगेगा 5 फीसद जीएसटी:
- पफ्ड राइस चिक्की, पीनट चिक्की, सीसम चिक्की, रेवड़ी, तिलरेवड़ी, खाजा, काजू कतली, ग्राउंडनट स्वीट गट्टा और कुलिया।
- चटनी पाउडर।
- फ्लाई एश।
- नारियल का बुरादा
- कपास के बुने हुए कपड़े।
- इडली और डोसा।
- तैयार चमड़ा और चमड़े से बने सामान।
- फिशिंग नेट और फिशिंग हुक।