नई दिल्ली। बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहंचान बनाने वाले धरम पाजी आज 80 साल के हो गए है। इनका नाम जेहन में आते ही शोले फिल्म की तस्वीर मानो जैसे सामने आ जाती है। वहीं भोला सा चेहरा और चेहरे में वही मुस्कान लिए माने वीरु आज भी अपनी बसंती का इंतजार कर रहा हो। धर्मेन्द्र को बॉलीवुड में बतौर एक रोमांटिक अभिनेता के तौर पर देखा जाता है। उनकी लव लाइफ किसी मिस्ट्री से कम नहीं थी जिसे लोग आज भी याद करते है। वैसे तो धर्मेन्द्र ने बाॉलीवुड में कई अभिनेत्रियों के साथ काम किया था लेकिन उनकी जोड़ी हेमा मालिनी के साथ सुपर डुपर हिट रही।
धर्मेन्द्र का शुरुआती जिंदगी:-
धर्मेद्र का असली नाम धरम सिंह देओल है। उनका जन्म पंजाब के कपूरथला जिले में 8 दिसंबर, 1935 को हुआ था। वैसे असल में वह साहनेवाल गांव के रहने वाले हैं। वह पहलवानी के जबरदस्त शौकीन थे। धरम पाजी हमेशा से ही मशहूर अदाकार सुरैया के फैन थे और उन्होंने उनकी फिल्म दिल्लगी को करीबन 40 बार देखा था। धर्मेन्द्र ने सिर्फ हाईस्कूल तक की पढ़ाई की है। फिल्मों में आने से पहले धर्मेद्र रेलवे में क्लर्क के रुप में कार्यरत थे और उनकी सैलरी सवा सौ रुपये महीना थी। 19 साल की उम्र में ही उनकी शादी प्रकाश कौर से हो गई।
पहली हिट फिल्म थी ‘फूल और पत्थर’:-
साल 1960 में धर्मेन्द्र ने अपनी पहली फिल्म महज 51 रुपए में की। इस फिल्म का नाम ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे थी जिसमें उन्हें नायिका कुमकुम के साथ बतौर हीरो साइन किया गया। हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिट गई। धर्मेद्र को फिल्म ‘फूल और पत्थर’ से पहचान मिली। यह उनके करियर की पहली हिट फिल्म थी।
फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी नजदीकियां मीना कुमारी के साथ बढ़ी और वह शायरी करने के शौकीन हो गए। हालांकि, मीना कुमारी के साथ उनका रिश्ता लंबा नहीं चला। धर्मेद्र ने ‘ड्रीम गर्ल’, ‘शोले’, और ‘रजिया सुल्ताना’ आदि फिल्मों में बेहद खूबसूरत अदाकारा हेमा मालिनी के साथ काम किया और इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। हेमा के साथ रोमांस के लिए धर्मेद्र कई बार कैमरामैन को रिश्वत भी दिया करते थे। आखिरकर 1981 में अभिनेता ने इस्लाम धर्म अपनाकर दिलावर खान के नाम से हेमा संग शादी रचा ली। एशा देओल और आहना देओल दोनों की बेटियां हैं।
अपने नाम किए कई अवार्ड:-
अपने करियर में धर्मेद्र ने ‘सत्यकाम’, ‘बंदिनी’, ‘शोले’, ‘धर्मवीर’, ‘अनुपमा’, ‘जुगनू’, और ‘चुपके-चुपके’ जैसी एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में कीं। धर्मेद्र ने पंजाबी फिल्मों ‘पुत्त जट्टां दे’, ‘तेरी मेरी इक जिन्दर’ आदि में भी काम किया है। 1991 में बतौर निर्माता धर्मेद्र की फिल्म ‘घायल’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। अभिनेता को 1997 में फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2012 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया। 2011 में फिल्म ‘यमला पगला दीवाना’ में धर्मेद्र अपने दोनें बेटों के साथ नजर आएं। उन्होंेने तीन दशकों तक फिल्म उद्योग पर राज किया है। धर्मेद्र का जलवा आज भी बरकरार है।