देहरादून। विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार एक के बाद एक योजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं। गुरूवार को सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रायपुर में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग हेतु विकास योजनाएं संचालित की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की सामाजिक पेंशन समाज के प्रत्येक कमजोर वर्ग को प्रदान की जा रही है। दो साल पहले तक राज्य में सामाजिक पेंशनो को प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या 1.84 लाख थी जो अब 7 लाख से ऊपर हो गयी है।
राज्य सरकार का लक्ष्य इन पेंशन लाभार्थियों की संख्या 10 लाख तक करने का है। पहले मात्र 1000 रूपये की आमदनी वाला व्यक्ति पेंशन का पात्र था लेकिन राज्य सरकार ने आय सीमा को बढ़ाकर अब 4000 रूपये कर दिया है। देश में अन्य कोई ऐसा राज्य नही है जो अपनी जनता को इतनी प्रकार की पेंशन प्रदान करता हो। विकलांग, बौने, जागरी, मौलवी, विक्षिप्त व्यक्ति की पत्नी, जन्म के समय विकलांग होने वाले बच्चे, विधवा, परित्यकता आदि विभिन्न प्रकार की पेंशन राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। वास्तव में राज्य सरकार इन पेंशनों के माध्यम से राज्य के कमजोर व असहाय जनता में एक सुरक्षा की भावना उत्पन्न करता चाहती है ताकि वह किसी भी परिस्थिती में स्वयं को अकेला अनुभव न करे। जनता को यह विश्वास रहे कि राज्य सरकार उनके साथ एक मददगार की तरह उनके साथ है।
उत्तराखण्ड पूरे देश में तमिलनाडु के बाद दूसरा एकमात्र राज्य बन गया है जिसकी 90 प्रतिशत जनसंख्या अन्न सुरक्षा पा रही है। उत्तराखण्ड के समाज का कोई भी कमजोर हिस्सा ऐसा नही है जिसे राज्य सरकार द्वारा पेंशन के रूप में कोई आर्थिक सहायता नही दी जा रही हो । राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है कि सामाजिक पेंशन पाने वाले लाभार्थियों की संख्या 10 लाख तक की जायेगी।
मुख्यंमत्री रावत ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम मातृ शक्ति का सम्मान करते है। आज राज्य सरकार जन्म से वृद्धावस्था तक प्रत्येक स्तर पर उनके साथ है। राज्य सरकार कन्या जन्म पर निर्धन परिवारों को 5000 रूपये प्रदान करती है। बालिकाओं की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए गौरादेवी योजना संचालित है। लड़कियों के विवाह के अवसर पर नन्दा देवी योजना के अन्र्तगत निर्धन वर्ग की लड़कियों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। गर्भावस्था में उनकों पौष्टिक अनाज व अन्य सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है इनमें आंगनबाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।