बिहार

बैन के बावजूद गोपालगंज में बिकती रही शराब

Wine बैन के बावजूद गोपालगंज में बिकती रही शराब

गोपालगंज (बिहार)। बिहार के गोपालगंज जिले के जिलाधिकारी राहुल कुमार भले ही राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगने के बाद जिले में 667 स्थानों पर छापेमारी करने और 157 लोगों की गिरफ्तारी की दावा कर रहे हों, मगर जमीनी हकीकत कुछ और है। जिले में मंगलवार से लेकर अब तक कथित रूप से जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो व्यक्ति अभी भी जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे हैं।

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इस हादसे के बाद जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा नगर थाना क्षेत्र के खजूरबनी गांव में छापेमारी कर 300 लीटर अवैध शराब बरामद की गई। इस छापेमारी में बरामद शराब की कुछ बोतलें गड्ढे में छिपाकर रखी गई थीं। खजूरबनी के रहने वाले मनोज शर्मा कहते हैं कि हादसे के बाद गांव के लोग आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि घटना के बाद जिला प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी के बाद गांव के कई लोग घर छोड़कर फरार हो गए हैं। गांव से तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। वह दावा करते हैं कि गांव में एक खास जाति के लोगों का आज भी शराब बेचना ही मुख्य पेशा है।

खजूरबनी के एक अन्य शख्स का कहना है कि छापेमारी में गड्ढों में छिपाकर रखी गई शराब बरामद की गई है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि छापेमारी पहले क्यों नही की गई, 16 लोगों के मरने के बाद क्यों? इस हादसे में पांच लोगों को खोने वाले गांव नोनिया टोली के रहने वाले राजेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि राज्य में शराबबंदी के बाद भी क्षेत्र में शराब की बिक्री होती रही है। एक संदिग्ध शराब व्यापारी के पड़ोस में रहने वाले राजेश कहते हैं, “उत्पाद विभाग को छापेमारी के लिए 16 लेागों को मौत का इंतजार करना पड़ा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी राज्य में शराबबंदी से पहले लोगों को इसके लिए जागरूक करने के लिए पहल करनी चाहिए थी।”

उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे इस जिले में सीमावर्ती राज्यों से शराब आने से इनकार नहीं किया जा सकता। तीन अगस्त को जलालपुर पोस्ट पर चावल से लदे एक ट्रक से पुलिस ने अंग्रेजी शराब की 9,000 बोतलें बरामद की थीं। गोपालगंज से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की सीमा की दूरी मात्र 85 किलोमीटर है। नोनिया टोली से जुड़े शख्स सुशांत कुमार कहते हैं, “खजूरबनी में कई मौके पर पुलिस के जवानों को भी शराब पीते देखा जाता रहा है। ऐसे में यह कैसे माना जाएगा कि पुलिस प्रशासन को इन शराब भट्ठियों की जानकारी नहीं थी।”

उल्लेखनीय है कि जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत के बाद नगर थाना में 25 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक रविरंजन कुमार ने शुक्रवार को बताया कि कर्तव्यहीनता के आरोप में नगर थाना के प्रभारी बी़ पी़ आलोक सहित थाने में 25 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस हादसे मामले में नगर थाना प्रभारी बी़ पी आलोक के बयान के आधार पर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें 14 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इनमें छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है। गोपालगंज के जिलाधिकारी राहुल कुमार भी दबी जुबान में लोगों की मौत का कारण शराब को मान रहे हैं। उन्होंने कहा, “परिस्थिति जन्य साक्ष्य, परिजनों के बयान, प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि गोपालगंज में 16 लोगों की मौत शराब या शराब जैसा जहरीला पेय पदार्थ पीने से हुई है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।”

गौरतलब है कि बिहार में इसी साल अप्रैल से सभी प्रकार की शराब की बिक्री और सेवन करने पर प्रतिबंध लागू है।

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