उत्तराखंड

प्राइवेट स्कूलाें की मनमानी के खिलाफ धरना प्रदर्शन, प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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रुड़की। रुड़की में सामाजिक संगठन आम नागरिक मंच ने प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के अभिभावकों के खिलाफ तानाशाही रवैये के विरोध में धरना प्रदर्शन किया साथ ही उपजिलाधिकारी रुड़की के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया है।

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स्कूलों को शिक्षा के मंदिर के रूप में इसलिए जाना जाता है क्योंकि यहां बिना किसी भेदभाव के छात्र-छात्राएं ज्ञान और संस्कार हासिल कर समाज का सर्वांगीण विकास के लिये तैयार किये जा सके लेकिन आज जो हालात निजी विद्यालयों के दिखते है उसमें स्कूल शिक्षा का मंदिर कम पैसा कमाने की दुकानें ज्यादा लगते है। आज हर एक प्राइवेट विद्यालय अपने स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबो कां अपने पाठ्यक्रम में ना लगाकर दूसरे प्रकाशकों की किताबों को केवल इसलिये लगाते है ताकि एक मोटी कमीशन उन्हें मिल सके। यहाँ तक की वो पुरानी किताबां को भी ना लेने के लिये विद्यार्थियों के अभिभावकों को मजबूर करते है जिससे उनका आर्थिक शोषण होता है। इतना ही नहीं अलग-अलग दिन के लिये ड्रेस कोड भी इन स्कूलों में लागू कर दिया गया है और बाकायदा बच्चों को किसी विशेष दुकान से ही ड्रेस खरीदने को बाध्य किया जाता है ताकि स्कूलों की कमाई हो सके,जबकि इससे अभिभावकों को अच्छा खासा आर्थिक बोझ बिना किसी को शिकायत किये उठाना पड़ रहा है।

प्राइवेट स्कूलों की इसी मनमानी के खिलाफ रुड़की में सामाजिक संगठन आम नागरिक मंच ने पहल करते हुए धारना प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी रुड़की को सौंपा जिसमें कहा गया कि अगर प्राइवेट स्कूलों की आर्थिक शोषण करने की यह मनमानी नहीं रोकी गई तो आम आदमी उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होगा जिसका पूरा जिम्मा शासन-प्रशासन का होगा।

rp SHAKEEL ANWER ROORKEE UTTARAKHAND प्राइवेट स्कूलाें की मनमानी के खिलाफ धरना प्रदर्शन, प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन -शकील अनवर

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