नई दिल्ली। प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन फार्मूले को लागू करने को लेकर सुनवाई के एक बार फिर दिल्ली सरकार की किरकिरी हो गई है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने फटकार लगाई है। यह फटकार दिल्ली सरकार को महिलाओं और दुपहिया वाहनों को छूट दिए जाने को लेकर उनकी मांग के सन्दर्भ में है। इस फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
इस दौरान दिल्ली सरकार से इस समस्या को लेकर एनजीटी ने पूछ लिया कि आप इस दौरान महिलाओं के लिए विशेष बसें क्यूं नहीं चलवाते । एनजीटी ने साफ दिया कि 4 पहिया वाहनों की अपेक्षा दो पहिया वाहनों से प्रदूषण अधिक फैलता है। ऐसे में आप इस तरह का मजाक कैसे कर सकते हैं। इसके पहले भी दिल्ली सरकार के वकील को एनजीटी ने फटकार लगाई थी। लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी। जिस पर एनजीटी ने सवालों की झड़ी लगाते हुए दिल्ली सरकार की याचिका खारिज करते हुए, कड़ी फटकार लगा दी।
महिलाओं और दु पहिया वाहनों को मिलने वाली छूट खारिज होने के बाद भारत खबर की टीम ने वर्किंग वूमेन से ये जानना चाहा कि एनजीटी के फैसले के साथ वह कहां तक हैं। ऐसे में वो इस फैसले को किस तरह से लेती है। इस मामले में लगभग सभी महिलाओं ने एक स्वर में एक बात कही कि इस फैसले का वह स्वागत करती हैं। प्रदूषण किसी के लिए अच्छा नहीं है, जब हम सभी बराबर है तो फैसला सभी के लिए होना चाहिए।