नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बीते मंगलवार को हवा के कारण स्मॉग में कुछ कमी आई। जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर इमरजेंसी से बाहर आ गया है। बता दें कि राजधानी समेत 15 क्षेत्रों में से छह क्षेत्रों में ‘सीवियर’ के मुकाबले ‘वेरी पूअर’ स्तर रिकॉर्ड किया गया। पिछले हफ्ते के मुकाबले ये पहली बार दर्ज किया गया। विशेषज्ञयों का कहना है कि हवा कि रफ्तार बीते हफ्ते की तुलना दो गुनी होन के कारण पड़ोसी राज्यों और एनसीआर में हल्की बारिश हो सकती है। हवा और तेजी होने की भी संभावना है जो ‘वेरी पूअर’ या ‘पूअर’ श्रेणी में आ जाएगी।
बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि औसत एक्सूआई दिल्ली और एनसीआर का 398 है। जबकि प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 या 2.5 मीमी से कम व्यास वाले कण शाम 6 बजे 397 यूनिट रिकोर्ड किए गए हैं। जिसे वेरी पूअर कहा जाता है। हालांकि दिल्ली का औसत एक्यूआई शाम छह बजे 407 था, इसके साथ ही 406यूनिट पर पीएम2.5 था। इसे ‘सीवियर’ माना जाता है।
वहीं बीते सात दिनों के मुकाबले इसमें काफी सुधार माना जा रहा है। दिल्ली में लोग औसत एक्यूआई रेंज 460 से 500 के बीच में जहरीली हवा में सांस ले रहे थे। पीएम2.5 एक खरतनाक स्तर 945 यूनिट पर गाजियाबाद सहित कुछ स्थानों पर पहुंच गया। गाजियाबाद में यह सुरक्षित सीमा से 37 गुना पार कर गया।
वहीं सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के शोधकर्ता व सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के सदस्य उस्मान नसीम ने से कहा कि दिल्ली इमरजेंसी से बाहर है, लेकिन खतरे से बाहर नहीं है। आने वाले दिनों में 16 और 17 नवंबर तक स्थितियों के बेहतर होने की उम्मीद है। दुर्भाग्य से हम अभी भी खुश है कि वायु की गुणवत्ता वेरी पूअर है। बहुत से देशों में इस वायु गुणवत्ता पर इमरजेंसी जैसे हालात हैं, जिस पर हम खुश हो रहे हैं कि सुधार हो रहा है।