उत्तराखंड

देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद हुई तेज

dehradun देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद हुई तेज

देहरादून। सूबे में नई सरकर बनते ही एक बार फिर से राजधानी देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद तेज हो गई है। शहर को नया स्वरूप देने के लिए (रिट्रोफिटिंग) स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव नए सिरे से बनाया गया है। इसमें शहर को हरा-भरा, सुरक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए नए फीचर्स जोड़े गए हैं। मेयर देहरादून विनोद चमोली और मुख्य सचिव एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण किया गया।

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गुरूवार को हुई बैठक में प्रेजेंटेशन में कहा गया कि राजधानी को प्रदूषण और कचरा मुक्त करने के लिए काम किया जाएगा। साथ ही बसें जीपीएस से जुड़ी होंगी, वाईफाई सुविधा होगी। बसों के आवागमन की जानकारी देने के लिए टच स्क्रीन कियोस्क युक्त बस स्टाप होगा। ई-रिक्शा चलेंगे। पलटन बाजार में पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ बनेगा।

तहसील चैक पर 600 गाड़ियों और एस्लेहाल पर 200 गाड़ियों के लिए मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था होगी। भीड-भाड़ वाले करनपुर, से सर्वे चैक तक पार्किंग सुविधा और फुटपाथ बनेंगे। गांधी पार्क का नवीनीकरण किया जायेगा। इसमें बच्चों के मनोरंजन और खेल की व्यवस्था होगी। टहलने वालों के लिए वाकिंग ट्रेक होगा। तहसील चैक और घंटाघर पर स्मार्ट पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम होगा।

भीड़-भाड़ वाले बाजारों में गाड़ियों का प्रवेश वर्जित होगा। सभी सरकारी भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा और भूगत डस्ट स्थापित होंगे। सौर ऊर्जा पर आधारित 24 वाटर एटीएम, 100 किमी तक स्टार्म वाटर ड्रेनेज, शत-प्रतिशत स्मार्ट एएमआर(आटोमेटिक मीटर रीडिंग) और जल प्रबंधन होगा। निजी व्यावसायिक भवनों, काम्लेक्स के लिए वर्षा जल संरक्षण अनिवार्य किया जायेगा। साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए चयनित स्थानों पर 30 भूमिगत कूडेदान होंगे, कूड़ा इकट्ठा करने और परिवहन की व्यवस्था होंगी, 26 बायों डायजेस्टर टायलेट होंगे और कूड़ा प्रबंधन की जागरूकता की जायेगी। इसके साथ ही 500 मलिन बस्ती में रहने वाले लोगों को आवास दिया जायेगा। घंटाघर के हेरिटेज ढ़ांचे का पुनर्जीवित किया जायेगा।

बैठक में बताया गया कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए 05 चैराहों को सुधारा जायेगा, सीसीटीवी युक्त आईपाॅल लगाये जायेंगे, वाईफाई सुविधा दी जायेगी, प्रदूषण नियंत्रण के लिए सेंसर लगाये जाएंगे, दिव्यांगों के आवागमन की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही प्रशिक्षित डॉक्टरों और जांच सुविधाओं से सुसज्जित एम्बुलेंस की व्यवस्था होगी। शिक्षण संस्थाओं में 5000 पेड़ लगाये जाएंगे। बताया गया कि स्मार्ट सिटी दूसरे चरण का प्रस्ताव शुक्रवार को भारत सरकार में प्रस्तुत किया जायेगा।

बैठक में प्रमुख सचिव उमाकांत पवांर, राधा रतूड़ी, सचिव हरवंश सिंह चुघ, इंदुधर बोड़ाई, अपर सचिव भूपाल सिंह मनराल, जेपी जोशी, वी.षणमुगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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