हरदोई। सूबे में चुनावी पारा सर पर चढ़कर बोल रहा है। लेकिन आज भी अन्नदाता कर्ज की मार के चलते मौत को लगे से लगाने पर मजबूर है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का है। जहां अन्नदाता कहे जाने वाले किसान ने अपने छप्पर में रस्सी बांध दुनिया को अलविदा कह दिया।
हरदोई के बेटा गोकुल थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । किसान राजीव पर आर्यव्रत ग्रामीण बैंक का कर्जा था । इसके साथ ही कई महाजन से भी पैसा ले रखा था। 2 साल से सूखे की भी मार झेल रहे इस किसान ने अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली। अपने पीछे अपने 3 मासूम बच्चों छोड़ गया उनका भविष्य क्या होगा ।
अभी तक भूखे से मरते हुए किसान को बुंदेलखंड में ही देखा था । लेकिन सूखे की मार केवल बुंदेलखंढ की समस्या नहीं रही है। सूबे में कई ऐसी घटना सामने आने लगी हैं। जब महाजनों द्वारा किसान राजीव पर दबाव बनाया गया तो सूखे की मार झेल रहा किसान कहां से उन महाजनों का और बैंक का ऋण अदा कर पाता। इसलिए अगर सरकारें सही समय पर किसानों का दर्द समझ पाती और सही समय पर सूखाग्रस्त का पैसा दे पाती तो हमारे देश के किसान आत्महत्या न करते। राजीव किसान के परिजनों की माने तो महाजनों द्वारा भी व्यापक दबाव मृतक राजीव पर पढ़ रहा था। जिसके चलते उसने फांसी लगा ली।
आशीष सिंह, संवाददाता