जयपुर। महानिदेशक पुलिस मनोज भट्ट ने पुलिस अधिकारियों का आवाहन किया है कि देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए साइबर अपराधों से पूरी दुनियां के बुद्विजीवी, शासक, प्रशासक, पुलिस संगठन एवं जांच एजेन्सियां चिन्तित हैं। उन्होंने कहा कि साइबर दुनिया में घटित हो रहे अपराधों को रोकने के लिए नए तकनीकी उपाय खोजने की आवश्यकता है।
पुलिस महानिदेशक शुक्रवार को राजस्थान पुलिस अकादमी में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद एवं सीडेक के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय पाठ्यक्रम इन्वेस्टीगेशन ऑफ साइबर क्राइम के समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तकनीक के विस्तार एवं आर्थिक प्रगति के साथ-साथ देश में तेजी से बढ़ रहे वित्तीय धोखाधड़ी एवं साइबर अपराधां की चुनौतियों को पुलिस एवं अनुसंधान एजेन्सियों के माध्यम से रोकने की जरूरत है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि देश की आर्थिक एवं तकनीकी प्रगति के साथ-साथ जाली क्रेडिट कार्ड, शेयर मार्केट, इन्टरनेट एवं अन्डरवर्ल्ड से जुड़े हवाला कारोबार जैसे अनेक प्रकार के अपराध बढ़े हैं। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एवं राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक राजीव दासोत ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में इस तरह का यह सातवां प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इन कोर्सेज में अब तक अकादमी में लगभग 210 पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पूर्व के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में स्थानीय फैकल्टी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया था किन्तु पहली बार राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद व सीडेक के ख्यातनाम प्रशिक्षक राजस्थान के पुलिस अधिकारियों को साइबर क्राइम केसों के अनुसंधान में प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होंने बताया कि कोर्स में राजस्थान पुलिस के विभिन्न जिलों से आए कुल 41 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। कोर्स के दौरान प्रतिभागियों को विषय पर तकनीकी ज्ञान के अलावा राइट ब्लोकर की मदद से संदिग्ध हार्डवेएर की हैश वैल्यू निकालना, इमेज बनाना, इमेज का डेटा विश्लेषण करना, विभिन्न फोरेन्सिक टूल्स की मदद से संदिग्ध हार्डवेएर का डिलिट किया हुआ डेटा रिट्रीव करना, कॉलडिटेल का विश्लेषण करना, इलेक्ट्रोनिक्स साक्ष्य को जब्त कर सील करना आदि का अभ्यास भी करवाया गया।