मोहाली (पंजाब)। केंद्र में आई BJP की सरकार रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचारी तथा अन्य गोरखधंधों को लेकर काफी तिखे तेवर दिख रहे है। पुरानी सरकार में रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचारी को लेकर जो मुकदमें दर्ज होने के बाद अभी तक पेंडिंग पड़े हुए हैं, उन्हें लेकर भी काफी सख्त दिख रही है। ऐसे ही करीब सात साल पबले जिला अदालत में पीसीएस अधिकारी पर भ्रष्टाचारी का मुकदमा दर्ज किया गया था, जोकी अब तक अधर में पड़ा हुआ था। पीसीएस अधिकारी टी.के गोयल के खिलाफ 7 साल पहले भ्रष्टाचारी का एक मुकदमा दर्ज किया गया था। उसी मुकदमे में जिला अदालत ने टी.के गोयल को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा तथा 12 हजार का जुर्माना लगाया है।
आपको बता दें कि टी.के गोयल काफी समय से कई आरोपों में फसे हुए हैं। वर्तमान समय में वह राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। सूचना को मुताबिक पता चला कि यब मामला सितंबर सन् 2010 से जिला अदालत में चल रहा है। 2010 में टी.के गोयल पंजाब सचिवालय में दलित एवं पिछड़ी श्रेणियों की भलाई विभाग में सचिव तैनात थे। टी.के पर कस्बा भुलत्थ से संबंधित जौरज शुभ नाम के अभीयुक्त से उसके हित में जांच करने के नाम पर 50 हजार की रिश्वत लेने का आरोप है। फिर विजिलेंस ने उस पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 तथा 13 (2) के तहत रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार मुकदमा दर्ज किया था।
गौरतलब की बात तो यह रही कि नवंबर 2012 को फिर उसी विजीलेंस ने टी.के गोयल को क्लीन चिट देकर अदालत में निर्दोष साबित कर दिया था, लेकिन अदालत ने विजिलेंस की क्लीन चिट को गलत ठहरा दिया था। जिला अदालत ने विजिलेंस को फटकार लगाते हुए कहा कि तुम्हारे द्वारा ही यह रंगे हाथों पड़ा गया था, तो अब इसे क्लीन चिट देने का क्या मतलब बनता है। दूसरी ओर याचिकाकर्ता ने टी.के गोयल की सजा और बढ़ाने को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में अपील करने की बात कही है।