चंडीगढ़। पंजाब व हरियाणा के नशे के कारोबार को बढ़ता देख कोर्ट ने इस पर कड़ा कदम उठा लिया है। नशे के कारोबार की जांच कर रहे ईडी व एसटीएफ को खुली छूट दे दी है। अवैध कारोबार के लिए हो रही जांच पर हाईकोर्ट ने कहा कि जांच के लिए छोटे- बड़े किसी मंत्री से पूछ-ताछ में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। खुल कर पूछ-ताछ करें।
हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में पूर्व अकाली मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के ड्रग तस्करों के साथ संबंध की जांच पर बहस शुरु हो गई। अर्जी में कहा गया है कि ड्रग माफियों ने ईडी को अपना बयान दिया था जिसमें उन्होंने 10 एनआरआइ के नाम गिनाए थे। अर्जी में सतपाल सिंह, परमिंदर सिंह और अमरिंदर सिंह मुख्य हैं। इन तीनों पर भारत में आने पर मजीठिया के के घर और गाड़ी के इस्तेमाल का आरोप लगा है। कोर्ट ने बयान की बयान की बारीकी से जांच की बात कही है। कोर्ट ने कहा की जांच करना एजेंसी का काम है और इसमें कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए।
जेल में कैदियों के ब्लड और यूरिन सैंपल की जांच की व्यव्स्था ना होने पर कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं। कोर्ट का मानना है कि जांच जेल के अंदर ही हो जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि वहीं पर जांच हो जाने से ये पता चल जाएगा कि किस कैदी ने नशा किया है और उसका इलाज तुरंत कराया जा सकेगा।