लखनऊ। आखिरकार अब देश के सबसे बड़े विवादित मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सन 1992 में में अयोध्या में विवादित परिसर में हुए बाबरी विध्वंस मामले में अब कोर्ट भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा तथा विष्णु हरि डालमिया के खिलाफ आरोप तय करने जा रही है। आने वाली 30 तारीख को इनके खिलाफ आरोप तय किए जायेंगे। इसके पहले इन नेताओं के खिलाफ रायबरेली की अदालत में मुकदमा चल रहा था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी की सुनवाई करते हुए निचली अदालत से ये मामला लखनऊ की अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया साथ ही ये भी निर्देश दिये कि 2 साल के भीतर इसकी सुनवाई पूरी करे. साथ ही 1 माह के भीतर सुनवाई शुरू की जाये। इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, विष्णु हरि डालमिया, महंत नृत्य गोपाल दास, रामविलास वेदांती और सतीश प्रधान सहित 5 नेता इस मामले में मुख्य तौर पर आरोपी हैं।
हांलाकि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी विध्वंस के समय दो एफआईआर हुई थी। उस वक्त सीबीआई ने जांच के दौरान 49 लोगों के विरूद्ध चार्जशीट बनाई थी। हांलाकि मुकदमा शुरू होने के बाद 13 आरोपी बरी हो गये। इस मामले में आरोपी रहे अशोक सिंघल और गिरिराज किशोर की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इन सभी नेताओं पर विवादित ढांचे को गिराने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाने का आदेश दिया था।