नई दिल्ली। विवादित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के वीजे की मियाद को गृहमंत्रालय ने एक साल के लिए बढ़ा दिया है। स्वीडन की नागरिक तसलीमा नसरीन के वीजा की मियाद साल 2004 के बाद से लगातार भारत में बढ़ाई जा रही है। सूत्रों की माने तो इस बार केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने वीजा की मियाद एक साल के लिए बढ़ाई है। यह मियाद स्वीडिश पासपोर्ट के आधार पर बढाई गई है। इस मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज तसलीमा के वीजा की मियाद बढाने के लेकर दी गई अर्जी को स्वीकार पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
बांग्लादेश मूल की विवादित लेखिका को कट्टरपंथियों की धमकी के बाद निर्वासित जीवन बिताना पड़ रहा है। 1994 से तसलीमा बांग्लादेश से अपने जीवन के लिए उत्पन्न हुए खतरे के बाद से ही बाहर रह रही हैं। बीते दो दशकों से तसलीमा अमेरिका यूरोप आदि देशों में रह कर अपना जीवन काट रही हैं। हांलाकि कई बार उन्होने कोलकता में ही अपना जीवन यापन करने के लिए सरकार से स्थाई वीजा देने की गुजारिश भी की है। हांलाकि तसलीमा की इस अर्जी पर अभी गृहमंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है।
इसके पहले तसलीमा भारत में कोलकता में रह रही थीं। लेकिन 2007 में कट्टरपंथी धड़े के हिंसक विरोध के चलते उन्हे कोलकता को छोड़ना पड़ा था। तसलीमा भारत में अपने आपको ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं। अपने विवादित लेखों की वजह से में मुस्लिम कट्टरपंथी समाज के हमेशा निशाने पर रही हैं। उनका कहना है कि अगर वे भारत में नहीं रहेंगी तो उनकी पहचान ही खत्म हो जायेगी। तसलीमा की लेखनी महिला अधिकारों की पैरोकारी को लेकर विश्व में प्रसिद्ध है।