नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आयकर विभाग की जांच को अनुमति देने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद पार्टी इसका न्यूज पेपर वर्जन लांच कर सकती है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस फिलहाल इस पर विचार कर रही है।
वहीं दूसरी ओर नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय भी जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक अगर नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस को इनकम टैक्स में राहत नहीं मिलती है तो कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को तय किया था कि यंग इंडियन कंपनी को इनकम टैक्स की जांच का सामना करना पड़ेगा। इस कंपनी में सोनिया और राहुल दोनों की 38-38% की हिस्सेदारी है।
स्वामी का आरोप
सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है। स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति का अवैध ढेग से उपयोग करने का सोनिया और राहुल गांधी पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम सवामी इस मामले को लेकर अदालत गए थे, बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड के मामले में भाजपा नेता ने सोनिया और राहुल समेत कई और अन्य कांग्रेसी नेताओं पर आरोप लगाया था। स्वामी ने आरोप में कहा था कि गांधी परिवार ने हेराल्ड की संपत्ति का अवैध रुप से उपयोग किया है, स्वामी ने साल 2012 में कोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की थी।